लखनऊ। सन् 1962 के भारत–चीन युद्ध में लड़ा गया रेजांगला युद्ध भारतीय सैनिकों की अदम्य वीरता, राष्ट्रनिष्ठा और सर्वोच्च बलिदान का अमर प्रतीक माना जाता है। इन्हीं वीर शहीदों की पवित्र अस्थि-रज को लेकर निकली “रेजांगला रज कलश यात्रा” का भव्य आगमन लखनऊ में हुआ।
यह यात्रा 13 अप्रैल 2025 को छपरा (बिहार) से आरंभ हुई थी और अब तक 17 राज्यों, 300 से अधिक जनपदों का भ्रमण करते हुए लगभग 55,000 किमी की दूरी तय कर चुकी है। 15 अक्टूबर 2025 को अपराह्न 10:30 बजे यह यात्रा लखनऊ में प्रवेश की।
शहीद स्मारक (रेज़ीडेंसी के निकट) पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में श्रद्धांजलि सभा, रज कलश दर्शन, वीरता पदक प्राप्त भूतपूर्व सैनिकों एवं शहीद परिजनों का सम्मान समारोह, और राष्ट्रभक्ति संगोष्ठी का आयोजन हुआ।
यात्रा के आयोजकों ने बताया कि लखनऊ के कार्यक्रम के बाद इसका उत्तर प्रदेश (प्रथम चरण) समापन आगरा में होगा, जहाँ रज कलश राजस्थान के प्रतिनिधियों को सौंपा जाएगा। इसके बाद यात्रा राजस्थान (द्वितीय चरण) में प्रवेश करेगी।
यह राष्ट्रीय श्रद्धांजलि यात्रा पूर्ण श्रद्धा, अनुशासन और भव्यता के साथ पूरे देश में आयोजित की जा रही है। इसका समापन समारोह 18 नवम्बर 2025 को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित किया जाएगा।
यात्रा का उद्देश्य रेजांगला के अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना, राष्ट्रीय एकता और शौर्य की भावना का प्रसार करना तथा नई पीढ़ी को वीर सपूतों के प्रेरणादायी जीवन से परिचित कराना है। यह यात्रा पूर्णतः गैर-राजनीतिक, शांतिपूर्ण और मर्यादित स्वरूप में संपन्न की जा रही है।
भूतपूर्व सैनिकों, शहीद परिजनों और समाज के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने इस राष्ट्रीय श्रद्धांजलि यात्रा की गरिमा और प्रेरण को और अधिक ऊँचाई प्रदान की।
