खबर दृष्टिकोण संवाददाता
सीएम योगी के गृह मंडल के जनपद महराजगंज के
विकास खंड परतावल के ग्राम सभा बभनौली बुजुर्ग में स्थित अस्थायी गौ आश्रय स्थल में गायों की हालत बेहद दयनीय हो चुकी है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने बार-बार निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में गौशालाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, लेकिन स्थानीय जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों ने मानो मुख्यमंत्री के आदेशों को कूड़ेदान में डाल दिया है। नतीजा यह है कि आश्रय स्थल में गायें भूख-प्यास और बदइंतजामी के चलते मौत के मुहाने पर पहुंच गई हैं।
गौशाला बना मौत का अड्डा
सरकारी रिकॉर्ड में गौमाता के नाम पर लाखों रुपये का चारा और दवा खरीदी जाती है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में हरा चारा, भूसा, दाना और मिनरल मिक्सचर, स्वच्छ और पौष्टिक आहार की नियमित आपूर्ति, स्वास्थ्य सुविधा
नियमित पशु चिकित्सक की उपलब्धता, दवाओं और टीकाकरण की व्यवस्था, बीमार या जख्मी गायों के लिए अलग आइसोलेशन एरिया की व्यवस्था होती है। लेकिन जमीनी स्तर पर सभी व्यवस्थाएं बदहाल है। बचाव के लिए कोई उचित इंतज़ाम नहीं है। हालात यह हैं कि कई गायें हड्डियों का ढांचा बन चुकी हैं और मरणासन्न अवस्था में जमीन पर पड़ी हैं।
सरकारी धन का हो रहा बंदरबाट
गौशाला में चारा, भूसा और चिकित्सा सुविधाओं पर आने वाला पैसा केवल कागजों तक सीमित है। जिम्मेदार अधिकारी मौके पर जाते तक नहीं और कर्मचारी मनमानी करते हैं। गौमाता की सेवा के नाम पर सिर्फ फाइलें मोटी हो रही हैं जबकि बभनौली गौशाला हकीकत में कब्रगाह में तब्दील हो चुका है।
इस संबंध में जिलाधिकारी संतोष शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएम का कहना था कि मुख्यमंत्री स्वयं गौशालाओं की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, ऐसे में इस स्तर की लापरवाही किसी भी कीमत पर माफ नहीं की जाएगी।
