खबर दृष्टिकोण संवाद
पडरौना, कुशीनगर। नगर के लोग आज भी याद करते हैं जब वर्ष 2015-16 में नगर पालिका परिषद की तत्कालीन अध्यक्ष शिवकुमारी देवी के कार्यकाल में अम्बे चौक से स्टेशन रोड तक मजबूत और गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण कराया गया था। यह सड़क कई योजनाओं के समन्वय से करोड़ों रुपये की लागत में बनी थी। उस समय बताया गया था कि सड़क की गारंटी और वारंटी भी है। लेकिन महज दो से तीन वर्षों में वह सड़क टूटकर चकनाचूर हो गई।
इसके बाद वर्ष 2018-19 में तत्कालीन अध्यक्ष विनय जायसवाल के समय उसी मार्ग पर फिर से नया सड़क व नाली निर्माण कार्य कराया गया, जिसमें दोबारा करोड़ों रुपये खर्च किए गए। परंतु हाल वही रहा। यह नई सड़क भी तीन साल में ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। अब वर्ष 2024-25 में एक बार फिर उसी मार्ग पर आरसीसी सड़क व नाले का निर्माण करोड़ों की लागत से कराया जा रहा है, जो फिलहाल निर्माणाधीन है। मगर जनता के बीच सवाल उठ रहे हैं: आखिर बार-बार करोड़ों खर्च करने के बाद भी सड़कें टिक क्यों नहीं पा रहीं? पहले बनी सड़कों की गुणवत्ता की जांच क्यों नहीं हुई? वारंटी-गारंटी की जिम्मेदारी किसकी है? क्या कोई ठेकेदार या विभाग जवाबदेह ठहराया गया? स्थानीय नागरिकों की मांग है कि इस बार कार्य की गुणवत्ता की सघन निगरानी हो, ताकि जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी न हो। साथ ही पूर्व में बने सड़कों की भी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।