सीएचसी फरेंदा को 500 टीबी स्क्रीनिंग का मिला था लक्ष्य
महराजगंज: फरेन्दा शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरेंदा बनकटी अस्पताल पर राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सीवाई टीबी वायल के माध्यम से अधीक्षक डॉक्टर एमपी सोनकर सहित 50 स्टाफ का टीबी स्क्रीनिंग किया गया l कार्यक्रम का लक्ष्य पूरा करने के लिए टीबी विभाग के केशव शुक्ला व अर्जुन सिंह द्वारा टीवी स्क्रीनिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर एमपी सोनकर ने जांच के बारे में विस्तृत रूप से बताया कि सीवाई-टीबी टेस्ट भी मोंटेक्स टेस्ट की तरह ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) का पता लगाने के लिए एक प्रकार का त्वचा परीक्षण है, लेकिन यह अधिक उन्नत तकनीक का है। मोंटेक्स टेस्ट में, एक छोटी सी मात्रा में ट्यूबरकुलिन नामक एक पदार्थ को त्वचा के नीचे इंजेक्ट किया जाता है। यह पदार्थ टीबी के बैक्टीरिया से प्राप्त किया जाता है। टेस्ट के परिणाम 48 से 72 घंटे के बीच में देखे जाते हैं। यदि टीबी के बैक्टीरिया के प्रति शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती है, तो त्वचा पर एक छोटा सा उभार या लाली दिखाई देती है। इस उभार का आकार और गहराई टीबी की उपस्थिति और गंभीरता का संकेत देते हैं। मोंटेक्स टेस्ट भी टीबी की उपस्थिति का संकेत देता है, लेकिन यह टीबी की पुष्टि नहीं करता है। टीबी की पुष्टि के लिए अन्य परीक्षणों की आवश्यकता होती है।उन्होंने बताया की हाईरिस्क वाले लोगों में कोई टीबी संक्रमित तो नहीं, इसका पता अब सीवाई-टीबी टेस्ट से किया जाएगा। 48 से 72 घंटे बाद 5 एमएम से ज्यादा का इंडयूरेशन टीबी संक्रमण माना जाएगा। संक्रमण पाए जाने पर संबंधित के अन्य टेस्ट कराकर टीबी का नि:शुल्क इलाज कर ठीक किया जाएगा। टीकाकरण एनम मीरा गोस्वामी, सीमा गौतम द्वारा किया गया । इस दौरान चीफ फार्मासिस्ट प्रमोद पांडे,अर्जुन सिंह, लालजी त्रिपाठी, गजेंद्र उपाध्यक्ष,गोपाल चतुर्वेदी, विमलेश कुमार, अरविंद कुमार, सत्य प्रकाश मिश्र, विनोद कुमार गुप्ता, सीमा गौतम, प्रमोद यादव, डॉक्टर आसमा तबस्सुम, डॉक्टर प्रदीप कुमार, डॉ प्रज्ञा सिंह, दिनेश चौधरी,डॉक्टर अनिरुद्ध पांडे, निशा यादव, आशा वर्मा सहित तमाम स्टॉफ को टीकाकरण किया गया ।
