एक ट्रक यूरिया न जाने कहाँ गुम, निर्धारित समय के बाद की गई गायब।
खबर दृष्टिकोण: अनुराग मिश्रा
गोला गोकर्णनाथ खीरी।
सदर तहसील व ब्लाक के अंतर्गत किसानों को उर्वरक व कृषि ऋण उपलब्ध कराने वाली बहुउद्देश्यीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति (वी-पैक्स)भल्लिया बुजुर्ग में रसूखदारों को मन मुताबिक उर्वरक उपलब्ध कराई जाती हैं तो दूसरी ओर इसी केंद्र के परिक्षेत्र के मझोले व छोटे किसानों की अनदेखी के चलते किसानों को यूरिया नही मिलती, मिलती भी है तो बोरी के साथ नैनों या कोई दूसरा पैकेट अनिवार्य रूप से जबरन दिया जाता है।गन्ना किसान जहां आर्थिक रूप से कमजोर है तो दूसरी ओर उनको समय पर बीज,उर्वरक व उपयोगी कृषि यंत्र समय से नही मिल पाती है।गन्ना किसानों को जबरन नैनों तो दिया जा रहा है लेकिन उसके छिड़काव के लिये समिति या कम्पनी स्प्रे मशीनों व ड्रोन उपलब्ध नहीं करा सकी हैं इसलिए नैनो यूरिया व डीएपी बेचने का कोई मतलब ही नही बनता है।
यूरिया उर्वरक की कहानी,किसानों की जुबानी
सकेथू निवासी एक किसान बताते हैं कि मैंने बटाई पर खेत लेकर गन्ना बोया है जिसमें दो बार बुबाई करने के लिए दो बोरी यूरिया लेना था, परसों ट्रक से उतरते देख गया था।आज आया तो बताया यूरिया है ही नही।खम्हौल निवासी किसानों ने बताया एकडों गन्ना बोई फसल खडी है जिसमें यूरिया खाद पड़नी थी,कल पता कराया तो बताया मैसेज नही आया है, आज सुबह फोन कर जानकारी ली तो बताया कि एक दाना खाद नही बची है।
यूरिया लेने आया तो पता चला यूरिया 4 जून को शाम 6बजे को ही बांट दी गई।
कुछ किसानों ने वी-पैक्स केंद्र के वितरण प्रणाली पर सवाल उठाए हैं, कहा मुझे दो लोगों को केवल 5 बोरी यूरिया पर 1 शीशी नैनों व दो पैकिट N.P.K.दिया गया, जबकि बाहरी किसानों को बीस-बीस बोरिया ज्यादा पैसे लेकर दी गई।
वी-पैक्स भल्लिया बुजुर्ग के संचालक मंडल के अध्यक्ष जसकरन लाल वर्मा ने बताया कि यह मेरे भी संज्ञान में आया है कि 3 जून को एक ट्रक यूरिया समिति पर आया था,जिसे 4 जून को देर शाम को भी वितरित किया गया जो नियम विरुद्ध है।इसकी शिकायत किसानों ने मुझसे भी की है।
