मार्ग रहित गौशाला निर्माण कार्य में डीसी मनरेगा के बाद एडीओ पंचायत , एडीओ एजी एवं बीडीओ मछरेहटा भी संलिप्त ।
खबर दृष्टिकोण
सुदीप मिश्र
मिश्रित/ सीतापुर । निराश्रित पशुओं को आश्रय प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश शासन द्वारा प्रत्येक न्याय पंचायत पर एक गौ आश्रय स्थल निर्मित कराने का आदेश दिया गया है । परन्तु जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के चलते यह गौ आश्रय स्थल बनाने के लिए ऐसी जमीनों का चयन किया गया है । जहां आने जाने का कोई रास्ता मौजूद नही है । जिससे निर्माण कार्य अधर में लटका पड़ा है । आपको बता दें कि विकासखंड मछरेहटा की ग्राम पंचायत निघुवामऊ में मार्ग रहित गौशाला निर्माण कार्य हुआ है । जब इसकी शिकायत जिलाधिकारी , मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री से की गयी तो उपायुक्त मनरेगा सीतापुर ने अपनी आख्या मे बताया कि रास्ते के लिए तेज नारायण पुत्र जुगुल किशोर से 3.25 × 50 मीटर संक्रमणीय भूमि 10 रुपए के स्टाम्प ली गई है । इस स्टाम्प पर केवल ग्राम प्रधान सुनीता के हस्ताक्षर एवं मुहर लगी है । जिसको कानून के जानकार अमान्य बताते हैं । जब उक्त आख्या ब्लाक स्तर से मांगी गई तो एडीओ पंचायत सन्दीप कुमार , एडीओ एजी संजीव यादव एवं खण्ड विकास अधिकारी ने अपनी आख्या में जानकारी दी है । इस लिखा पढ़ी को देख कर चाहें यह कह लिया जाए कि आम जनता को तहसील से भूमि रजिस्ट्री कराने की कोई आवश्यक्ता नही है । ग्राम पंचायत स्तर पर ही 10 रुपए के स्टाम्प पर संक्रमणीय भूमि का लेन-देन हो सकता है । लेकिन इस नये कानून को जिलाधिकारी द्वारा सत्यापित होना शेष है । वह सत्यापन करते है या नही । यह तो भविष्य के गर्भ में है । डीसी मनरेगा द्वारा संक्रमणीय भूमि को 10 रुपए के स्टाम्प पर लेने की चर्चा आने के बाद निघुवामाऊ के ग्रामीणों ने सूचना का अधिकार 2005 के तहत जिलाधिकारी से उनका विधिक मत व विधिक प्रमाणिकता एवं राजस्व नियमावली आदि से संबंधित 6 बिन्दुओं पर सूचना मांगी थी । परन्तु पांच माह बीत जाने के बाद भी आवेदक को कोई सूचना प्रदान नही की गयी है । मामला आयोग में लम्बित पड़ा है ।