लापरवाही पर मंण्डलायुक्त की फटकार, अवैध निर्माण में मिलीभगत पर कार्रवाई,
संवाददाता समीर खान
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण में गुरुवार को आयोजित जन सुनवाई में प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं मण्डलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने जन सामान्य की समस्याओं पर त्वरित संज्ञान लेते हुए कड़ा रुख दिखाया।
उन्होंने अवैध निर्माण की शिकायतों पर न केवल तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए, बल्कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को भी कड़ी फटकार लगाई। इस दौरान एक अवैध निर्माण के मामले में क्षेत्रीय अवर अभियंता (जेई) के खिलाफ निलंबन की सिफारिश की गई, जबकि बिल्डर पर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए।
जन सुनवाई में निशातगंज के पार्षद राजेश सिंह गब्बर ने पेपरमिल कॉलोनी स्थित गुरुद्वारे के पास हो रहे एक अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि LDA द्वारा सील किए जाने के बावजूद निर्माण कार्य लगातार जारी है, जिसमें बिल्डर और प्रवर्तन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत स्पष्ट है। इस शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मण्डलायुक्त ने तत्काल निर्माण कार्य रुकवाने के आदेश दिए। इसके साथ ही, उन्होंने क्षेत्रीय अवर अभियंता सुरेन्द्र कुमार दीक्षित के खिलाफ आरोप पत्र जारी करते हुए उनके निलंबन के लिए शासन को संस्तुति भेजने के निर्देश दिए। बिल्डर की इस हरकत को गंभीरता से लेते हुए उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराने के आदेश जारी किए गए हैं।
गोसाईंगंज के ग्राम-कासिमपुर बिरूहा निवासी देवेन्द्र कुमार शुक्ला ने प्रवर्तन जोन-1 की टीम पर मनमानी का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि 6 मई, 2025 को अवैध प्लाटिंग के खिलाफ चलाए गए ध्वस्तीकरण अभियान में उनकी कृषि भूमि की बाउंड्रीवॉल भी तोड़ दी गई, जिसे उन्होंने आवारा पशुओं से अपनी फसल की सुरक्षा के लिए बनवाया था। उनका आरोप था कि प्रवर्तन दल ने अवैध प्लाटिंग करने वाले डेवलपर के निर्माण को आंशिक नुकसान पहुंचाया, जबकि उनकी निजी संपत्ति को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। इस पर मण्डलायुक्त ने प्रवर्तन विभाग के अभियंताओं को कड़ी फटकार लगाते हुए पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने डेवलपर द्वारा अवैध प्लाटिंग स्थल पर किए गए सभी विकास कार्यों को पूरी तरह से ध्वस्त करने के भी सख्त निर्देश दिए हैं।
जन सुनवाई में ठाकुरगंज निवासी ज्योति अग्रवाल ने भी अपनी शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि उनके भाई द्वारा संपत्ति का बंटवारा किए बिना चौक के खुन खुन जी रोड स्थित उनके पैतृक कॉम्प्लेक्स के द्वितीय तल पर अवैध रूप से व्यावसायिक निर्माण कराया जा रहा है। LDA के प्रवर्तन जोन-7 की टीम ने उनकी शिकायत पर निर्माण कार्य को सील कर दिया था, लेकिन उनके भाई ने सील तोड़कर दोबारा निर्माण शुरू कर दिया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मण्डलायुक्त ने निर्माणकर्ता के खिलाफ स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।
गुरुवार की इस जन सुनवाई में कुल 37 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 9 मामलों का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। शेष मामलों के लिए मण्डलायुक्त ने समय सीमा निर्धारित करते हुए संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
