(ख़बर दृष्टिकोण) बाराबंकी… जिले के मसौली ब्लॉक के बड़ागांव में हालीआन प्रोजेक्ट के तहत मेंथा की फसल में ड्रोन से दवा छिड़काव का प्रयोग किया जा रहा है। दो दिन में करीब ड्रोन से करीब 4 सौ बीघा मेंथा मे कीटनाशक दवा और नैनो जिंक का छिड़काव किया गया है। नई टेक्नॉलॉजी के कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल से किसानों को फायदा ही फायदा होगा। समय के साथ ही इससे खेती में उनकी लागत भी कम होगी और उनकी आमदनी में भी इजाफा होगा। आपको बता दें कि सीएसआईआर सीमैप द्वारा लगातार टिकाऊ खेती पर कार्य कर रही है। इसी टिकाऊ खेती के अन्तर्गत सीएसआईआर सीमैप के डायरेक्टर डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ राजेश कुमार वर्मा तथा डॉ मनोज सेमवाल के आदेशानुसार हालीआन प्रोजेक्ट के तहत ग्राम पंचायत बड़ा गांव व आसपास के 250 किसानों को उन्नतिशील सिम उन्नति की जड़ का वितरण किया गया था। बीते दो दिनों से ग्राम पंचायत बड़ा गांव में चल रहे दो ड्रोन से करीब 400 बीघा में कीटनाशक दवा नैनो जिंक का छिड़काव किया गया। ड्रोन पायलट सुनीता वर्मा तथा शुभी सिंह ने छिड़काव किया। इस मौके पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि नूर मोहम्मद सीएसआईआर सीमैप के शोधार्थी मयंक श्रीवास्तव ने नैनो यूरिया तथा अन्य दवा जो किसानों के खेतों में ड्रोन के माध्यम से पड़ी उसके बारे में उनको समझाया श्री सीएसआईआर सीमैप के अनुसार शोधार्थी अंकुल वर्मा, धर्मेंद्र सिंह वर्मा, अमरेंद्र कुमार सिंह, सुधीर यादव, दीपचंद निषाद भी मौजूद रहे।
