(खबर दृष्टिकोण) बाराबंकी… नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कानून गोयान में बीती देर रात जिम्मेदारों की लापरवाही और उदासीनता की वजह से एक गाय की बछिया को जन्म देने के बाद मौत हो गई। मोहल्लेवालों ने गाय को बचाने और उसकी पीड़ा को कम करने की भरसक प्रयास किया, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से इस गाय को बचाया नहीं जा सका।मौजूदा दौर में गोवंशों की रक्षा और उनको हर किस्म की सुविधा पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से दर्जनों योजनाएं चलाई जा रही हैं और बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। लेकिन इऩ तमाम योजनाऔं और दावों की पोल सोमवार की रात खुल गई। नगर के मोहल्ला कानून गोयान मोहल्ले में एक गाय के साथ, जो हुआ उससे ये साफ हो गया है कि योजनाएं और नियम चाहे जितने लिए बना लिए जाएं, लेकिन अगर उन पर अमल करने की इच्छा नहीं है, तो इन सब कोशिशोें के कोई माने नहीं होते। दरअसल नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कानून गोयान में सोमवार रात करीब 8 बजे एक गाय ने बछिया को जन्म दिया। इस दौरान गाय की पीड़ा को देखकर मोहल्लेवालों ने पशु चिकित्सकों को बुलाने के प्रयास किए लेकिन कोई मौके पर नहीं पहुंचा। मोहल्लेवालों के मुताबिक उन लोगों ने गोवंशों को आपात स्थिति में ले जाने के लिए उनके लिए चलाई गई एंबुलेंस को भी कॉल की, लेकिन मौके पर कोई नहीं पहुंचा। बच्चे को जन्म देने के बाद गाय की तबियत बिगड़ गई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने फिर से पशु चिकित्सकों को बुलाने की कोशिश की, लेकिन जल्दी कोई चिकित्सक वहां नहीं पहुंचा। लोगों से जब गाय की पीड़ा देखी नहीं गई, तो कुछ लोग अपनी गाड़ी से डॉक्टर को लेने पहुंचे। रात करीब दो बजे डॉक्टर पहुंचे और उन्होंने गाय का उपचार किया, लेकिन सुबह 4 बजे गाय की अचानक मौत हो गई। स्थानीय लोगों का कहना है, कि अगर गाय को समय पर इलाज मिल जाता तो उसकी मौत ना होती। गाय की मौत के लिए स्थानीय लोगों ने पशुपालकों को भी जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पशुपालकों को इस तरह से गोवंशों को नहीं छोड़ना चाहिए। उन्हें पहले से पता होता है, कि गाय कब बच्चे को जन्म देने वाली है, और उसे क्या दिक्कतें हैं।
