दो आरोपित गिरफ्तार व दो फरार
प्रयागराज, । प्रयागराज के थरवई थाना इलाके में करीब छह माह पूर्व हुई बंशीधर बिंद (45) की हत्या का राजफाश हो गया है। शनिवार को पुलिस ने आरोपित महिला और उसके देवर को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त गमछे को बरामद कर लिया है। हालांकि अभी हत्या के दो आरोपित फरार हैं, उनकी तलाश में दबिश दी जा रही है। पूछताछ में पता चला कि रुपये के लेन-देन को लेकर महिला ने ही अधेड़ की हत्या की साजिश रची थी।थरवई थाना क्षेत्र के मनसैता नदी में पिछले वर्ष पांच अगस्त को एक अधेड़ की लाश मिली थी। गला दबाकर उसकी हत्या की गई थी। उस समय उसकी पहचान नहीं हो सकी थी। करीब एक माह बाद कुछ लोग थरवई थाने पहुंचे थे और फोटो को देखकर बताया था कि लाश बंशीधर बिंद की थी। उसकी पत्नी विमला ने पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। थाना प्रभारी योगेश प्रताप सिंह जांच में जुटे थे।पुलिस की पड़ताल में नैनी की फूलमंडी इलाके में रहने वाली मीना पत्नी रमेश चंद्र का नाम प्रकाश में आया। पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू की तो वह गोलमोल जवाब देने लगी। इसके बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया, लेकिन संदेह उस पर बना था और पुलिस उस पर नजर रख रखी थी। शनिवार दोपहर पुलिस ने उसे और उसके देवर सुबुल को सहसों के पास से पकड़ लिया।एसओ योगेश प्रताप सिंह का कहना है कि मीना ने बताया कि उसकी पुत्री की शादी बंशीधर बिंद के गांव में हुई है। गांव आते-जाते उसकी पहचान बंशीधर से हो गई थी। उसने उसकी साढ़े चार बिस्वा जमीन अपनी पुत्री के नाम लिखवा लिया था। 60 हजार रुपये भी नहीं दिए थे। पिछले वर्ष ढाई बिस्वा जमीन अपने बेटे के नाम लिखवा लिया और ढाई लाख का चेक दिया, लेकिन वह बाउंस हो गया। इसी का पैसा बंशीधर उससे मांग रहा था, जिससे वह परेशान हो गई थी।महिला ने अपने देवर सुबुल, रिश्तेदार राजू व एक अन्य के साथ बंशीधर की हत्या की साजिश रची। तीन अगस्त को उसे अपने घर बुलाया। यहां से उसे कार में बैठाकर सरायइनायत स्थित जमीन दिखाने की बात कही। वह यहां पहुंचे और फिर फूलपुर निकल गए। यहां सभी ने शराब पी और फिर गमछे से बंशीधर की गला दबाकर हत्या कर दी गई। शव को मनसैता नदी में फेंक दिया गया। पुलिस का कहना है कि कार किसकी है, इसका पता चल गया है। साथ ही राजू और एक अन्य की तलाश में दबिश दी जा रही है।बंशीधर बिंद के मोबाइल की काल डिटेल पुलिस ने निकाली तो उसमें सभी अधिक बात उसने मीना से ही की थी। पुलिस ने इस बारे में मीना से शुरुआती दौर में पूछा तो वह यही कहती कि जमीन के सिलसिले में बात होती थी। एसओ का कहना है कि गोपनीय तरीके से जांच की गई तो मीना पर संदेह गहरा गया था।