ख़बर दृष्टिकोण
31 मार्च 2025 को भगवान के ‘लिपि रूप दर्शन’ का 53 वार्षिक समारोह ‘सिद्ध शक्तिपीठ सत्य मंदिर’ इंदिरा नगर लखनऊ में ‘आध्यात्मिक गुरु दिव्य शक्ति मां पूनम जी’ एवं ‘दिव्य शक्ति योगीराज श्री अभिनव महाराज जी’ की पावन उपस्थिति में बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया।
देश विदेश में विख्यात सिद्ध शक्तिपीठ सत्य मंदिर , इंदिरा नगर लखनऊ में स्थित है। इस पावन भूमि से आज तक कोई भी खाली हाथ नहीं लौटा है। सबकी मनोकामनाएं पूर्ण हुई है और जीवन की विकट से विकट परिस्थितियों, संघर्षों से , असाध्य रोग और कष्टों से मुक्ति मिली है।
‘श्री कृष्णचेतनावतार देवी मां’ की भागवत शक्तिचालित लिखनी के माध्यम से 31 मार्च सन 72 से भगवान ने ‘लिपि रूप’ में अपना संदेश देना आरंभ किया, जो ‘आध्यात्मिक गुरु दिव्य शक्ति मां पूनम’ एवं ‘दिव्य शक्ति योगीराज अभिनव महाराज जी’ के कर कमलों से निरंतर प्रवाहित हो रहा है, इसके लगभग 400 से भी अधिक वाणी खंड प्रकाशित किये जा चुके हैं, जिनके अध्ययन- मनन- चिंतन से देश-विदेश में रहने वाले हजारों भक्तगण अपने जीवन में समाये असाध्य रोगों, कष्टों, संघर्षों से मुक्ति पा रहे हैं।
कार्यक्रम का आरंभ भगवान की भगवान की वाणी के पाठ से सांय ४:00 बजे हुआ।
आध्यात्मिक गुरु दिव्य शक्ति मां पूनम जी ने अपने प्रवचन में बताया भगवान के अनुसार ‘जाति है इंसान की, धर्म है मानवता का’। आज मनुष्य जाति और धर्म के नाम पर आपसी वैमनस्य और घृणा को बढ़ाकर ईश्वर के क्रोध को आमंत्रित कर रहा है। मंदिर, मस्जिद में जाने के बाद भी वह मूक, असहाय प्राणियों पर अत्याचार करता, उनको मार के अपनी जिह्वा की संतुष्टि करता है, इससे बड़ा अपराध तो कोई है ही नहीं। यही कारण है आज आती विपत्तियां का कष्टों और संघर्षों का।
कार्यक्रम का समापन प्रार्थना, भजन और महा आरती से हुआ। उपस्थित अनेक भक्तों ने भगवान का महाप्रसाद ग्रहण किया ।
