खबर दृष्टिकोण जिला संवादाता मोनिश खान
जनपद हापुड़ के ग्राम गौंदी स्थित हमजा मस्जिद के इमाम कारी सलीम आजम ने कहा कि रमजान मुबारक का महीना मुसलमानों के लिए साल का सबसे खास महीना है। इस मुबारक माह में अल्लाह रब्बुल इज्जत ने हम लोगों को एक ऐसी रात अता फरमाए है जिसे हम शबे क़दर के नाम से जानते हैं
सोमवार को कारी सलीम आजम असर की नमाज के बाद हमजा मस्जिद में रोजेदारों के समक्ष तकरीर कर रहे थे उन्होंने कहा कि शबे कदर वो रात है जिसे हजार रातों पर फजीलत हासिल है। इस रात में ज्यादा से ज्यादा इबादत करनी चाहिए क्योंकि इस एक रात की इबादत 83 बरस 4 माह से ज्यादा की इबादत के बराबर सवाब है। उन्होंने कहा कि शबे क़दर की सही कदर यह है कि इस रात में तरावीह की नमाज के बाद नफ्ल नमाज़ पढ़े, क़ुरआने करीम की तिलावत करें क्योंकि क़ुरआने करीम इसी रात में नाजिल हुआ है। और अल्लाह के सामने हाथ फैला कर अपने गुनाहों और खताओं पर नादिम ( शर्मिंदा )होकर अल्लाह से माफी की फरियाद करे। कारी सलीम आजम ने कहा कि शबे कदर को रमजान के आखिरी अशरे की रातों में तलाश किया जाए यह अशरा 21वीं रात से शुरू होता है हदीस के मुताबिक शबे कद्र की तलाश 21,23, 25, 27,29, की रातों में करनी चाहिए क्योंकि अल्लाह के रसूल स० ने इन रातों की तरफ इशारा फरमाया है
