खबर दृष्टिकोण :अनुराग मिश्रा
गोला गोकर्णनाथ खीरी।मोहम्मदी वनरेंज की बिलहरी वीट के ग्राम घरथानिया में गन्ना छील रहे किसानों को दुर्लभ प्रजाति की फिशिंग कैट के दो शावक मिले, जो दिखने में अजीब सा लगे।ग्रमीणों में इन शावकों को लेकर काफी सरगर्मियां बनी रही।
ग्राम घरथनिया में सौरभ वर्मा के खेत में गन्ना छिलाई करते समय के बाघ की तरह दिखने वाली फिशिंग कैट के दो शावक मिले, लोगों ने जागरूकता का परिचय देते हुए उन्हें बेहद सहज तरीके से उनका आवास में रखने का संकल्प लिया है, जिसकी सूचना मिलने पर फिशिंग कैट के अस्तित्व के लिए संदीप वर्मा स्वयंसेवक युवा कार्यक्रम खेल मंत्रालय भारत सरकार एवं बाघ क्लब के सक्रिय सदस्य ने महेशपुर रेंज से वार्ता कर इसे दोनों शावकों को सुरक्षित सौंप दिया गया है|
किसानों के मित्र व पारिस्थितिक संतुलन में अपना अहम योगदान देने वाली फिशिंग कैट ( प्रियोनैलुरस विवरिनस ) के अस्तित्व के लोग जाने अनजाने में अपना शत्रु मान लेते हैं इनकी शारीरिक बनावट गुलदार से मेल खाती है बंगाल के राज्य पशु फिशिंग कैट बेहद ही शर्मीला वन्यजी होने के साथ साथ किसानों का मित्र भी है, जीव विज्ञान प्रवक्ता डॉ अनिल कुमार ने बताया कि हर साल फिशिंग कैट की संख्या बेहतर होती जा रही है इनके संवर्धन के लिये प्राकृतिक आवासों का संरक्षण जरूरी है।बिल्लियाँ कीचड़ और पानी से नफरत करती हैं, लेकिन मछली पकड़ने वाली बिल्ली ऐसा नहीं करती। यह रहस्यमय मध्यम आकार की बिल्ली की प्रजाति दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में घूमती है और यह दलदली भूमि में जीवन के लिए अद्वितीय रूप से अनुकूलित है इसकी आवाज़ बत्तख की आवाज़ जैसी होती है ।
