सोनभद्र। कोन थाना क्षेत्र के मिश्री गांव में सोमवार की रात सेवानिवृत्त लिपिक की मौत मामले में लापरवाही बरतने पर कोन थानाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह व एसआई सुनील दीक्षित को एसपी ने लाइन हाजिर कर दिया। वहीं पांच पट्टीदारों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। डीएम के निर्देश पर पुलिस की तरफ से पिटाई व लाठीचार्ज के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच शुरू कर दी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए रात में जिलाधिकारी अभिषेक सिंह व पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र प्रसाद सिंह रात भर मौके पर डटे रहे। मंगलवार की सुबह हालात सामान्य होने पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए दुद्धी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजवाया।मिश्री गांव में सोमवार की देर शाम पट्टीदारों में भूमि विवाद की सूचना पर पुलिस पहुंची थी। ग्रामीणों व स्वजनों का आरोप था कि पुलिस ने दूसरे पक्ष के प्रभाव में आकर राजकुमार दुबे को दबाव में लेने की कोशिश की। उन्होंने विरोध जताया तो उनकी पिटाई कर दी गई, इससे उनकी हालत बिगड़ गई। यह देख पुलिस टीम वहां से भाग निकली। परिवार के लोग वाहन का इंतजाम कर राजकुमार को उपचार के लिए लेकर कोन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। मौत की जानकारी होते ही स्वजन व ग्रामीण कोन थाने पहुंच गए और थानाध्यक्ष एवं अन्य पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। भीड़ अधिक देख पुलिसकर्मियों ने थाने का गेट अंदर से बंद कर दिया। इसी बीच थाने का घेराव कर कार्रवाई की मांग कर रहे लोगों को पुलिस ने पीटना शुरू कर दिया।भाग रहे लोगों को दौड़ा दौड़ाकर पीटा गया। मामला गंभीर होता देख एसपी भी रात करीब 11 बजे मौके पर पहुंचकर मृतक के पुत्रों से पूछताछ की। इसी बीच रात करीब एक बजे डीएम अभिषेक सिंह भी पहुंच गए। लाठीचार्ज के बाद भी शव के साथ स्वजन व ग्रामीण थाने से कुछ दूरी पर जमे रहे। रात तीन बजे तक चली बातचीत के बाद मृतक के बेटे चंद्र प्रकाश दुबे ने पुलिस को तहरीर दी। तहरीर लेने के बाद पट्टीदार देवकी नंदन दुबे, हृदयानंद दुबे, संजय दुबे, उनकी पत्नी निर्मला देवी, पुत्री छोटी दुबे के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।डीएम अभिषेक सिंह ने बताया कि मामले में मृतक के पुत्र की तहरीर पर पांच के खिलाफ कोन थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज हो गया है। पुलिस पर लगाए जा रहे पिटाई के आरोप व थाने पर कार्रवाई की मांग को लेकर पहुंचे लोगों पर अचानक लाठीचार्ज के आरोपों की जांच के लिए एडीएम आशुतोष दुबे को मजिस्ट्रेटी जांच शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। तीन दिन के भीतर उन्हें जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। जांच में पुलिस कर्मियों के खिलाफ लगाए जा रहे आरोप अगर साबित होते हैं तो कार्रवाई कराई जाएगी। मजिस्ट्रियल जांच कर रहे एडीएम आशुतोष दुबे ने बताया कि इस संबंध में जिस किसी के पास भी कोई साक्ष्य हो, वह उनके कार्यालय में 19 अगस्त तक कार्य दिवस के समय आकर बयान एवं साक्ष्य दर्ज करा सकते हैं।
