ख़बर दृष्टिकोण उन्नाव संवाददाता अजीत कुमार यादव
उन्नाव हैदराबाद मे यूनानी और आयुर्वेदिक चिकित्सा की दयनीय स्थिति देखनी हो तो एक बार हैदराबाद में संचालित हो रहे राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय को देखा जा सकता है। पहले राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की जर्जर भवन में मरीजों को देखा और दवा वितरण किया जाता था लेकिन बरसात के मौसम में जर्जर चिकित्सालय भवन जमीदोज हो गया। लोगो की मांग कर हैदराबाद चेयरमैन ब्रज किशोर वर्मा द्वारा जनहित में चिकित्सा कार्य के लिए नगर पंचायत के पुराने कार्यालय के कमरे में अस्पताल संचालन शुरू हुआ। लेकिन यूनानी और आयुर्वेदिक चिकित्सा विभाग द्वारा यहां भी उपेक्षा का शिकार हुआ कई बार अस्पताल चिकित्सक द्वारा कुर्सी ,मेज और दवा रखने के लिए अलमारी की डिमांड की गई लेकिन विभाग ने कोई संतोषजनक उत्तर नही दिया।
हालत यह है कि अस्पताल आने वाले मरीजों और महिलाओं को खड़े खड़े अपनी समस्या बतानी होती है उनके बैठने के लिए कोई प्रबंध नही है। अस्पताल में जमीन पर दवा रखी हुई है।
आयुर्वेदिक चिकित्सालय के डॉक्टर आदित्य प्रकाश ने बताया कि विभाग के तीन पर डिमांड लेटर दिया गया है लेकिन अभी तक कोई सामान पूर्ति नही हुई है चेयरमैन द्वारा विधुत कार्य कराया गया था लेकिन हमारे विभाग ने कोई सुध नही ली अस्पताल भवन गिरने से सारा सामान नीचे दब कर छतिग्रस्त हो गया था।