खबर दृष्टिकोण |
लखनऊ |पीजीआई थाना क्षेत्र के सरस्वतीपुरम में रहने वाले सहकारी आवास समिति के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व इंस्पेक्टर के बेटे ने सोची समझी साजिश के तहत एक दर्जन साथियों संग मिलकर बुजुर्ग के प्लाट पर धावा बोल दिया। इस दौरान उन्होंने बुजुर्ग के प्लाट की 25 साल पूर्व बनी बाउंड्री तोड़ डाली और प्लाट पर कब्जा कर लिया। वहीं जब बुजुर्ग और उसके बेटे ने मौके पर पहुंचकर विरोध जताया तो उन्हे पीट पीटकर लहूलुहान कर दिया। काफी दिनों तक पीड़ित न्याय की गुहार लेकर इधर उधर भटकता रहा वहीं जब पीड़ित ने आलाधिकारियों से गुहार लगाई तब जाकर मंगलवार को उसका पीजीआई थाने में मुकदमा दर्ज हुआ।
75 वर्षीय ओज प्रकाश दुबे अपने परिवार संग सरस्वतीपुरम हैवतमऊ मवैया में रहते हैं। उन्होने बताया कि खसरा नं 2004 और 2004 स में दर्ज 23 बीघा जमीन उनकी मां स्व श्याम कुमारी दुबे के नाम से थी। उन्होने लगभग 25 वर्ष पूर्व ही अपनी सारी जमीन रिशी वशिष्ठ सहकारी आवास समिति को बेच दी थी सिर्फ 1500 वर्ग मीटर का प्लाट अपने पास रखा था। सहकारी समिति ने उस जमीन पर एलडीए से नक्शा पास करवाने के बाद प्लाटिंग कर दी थी और ओज प्रकाश की मां का जो प्लाट था उसमें 25 वर्ष पूर्व ही उन्होने बाउंड्री भी करवा ली थी। मई 2010 में ओज प्रकाश के नाम से मां की चल अचल संपत्ति की वसीयत भी हो गयी थी लेकिन जमीन अवासीय हो गयी थी इसलिए नामांतरण की कार्रवाई संभव नहीं थी। ओज प्रकाश ने आरोप लगाते हुए कहा कि सहकारी समिति के पूर्व अध्यक्ष देवी शंकर पांडेय ने पूर्व इंस्पेक्टर स्व शिवमूर्ति मिश्रा के बेटे शैलेंद्र मिश्रा के साथ मिलकर एक साजिश रची जिसमें नितेश रस्तोगी, मालती देवी, अंबुज पटेल, पंकज और विशाल शामिल थे। इन लोगों ने आपस में साजिश रची और 2022 में खसरा नंबर 2006 ख के कूट रचित दस्तावेज तैयार करवाकर उस प्लाट को अपना बताकर ग्राहकों को दिखाना शुरू कर दिया, यही नहीं ओज पर सस्ते दाम में जमीन उन्हे बेचने का दबाव भी बनाने लगे। ओज ने इस मामले में थाने से लेकर कोर्ट से गुहार लगाई। कोर्ट ने नवंबर 2022 में आदेश भी दिया कि ओज के प्लाट में कोई दूसरा हस्तक्षेप नहीं कर सकता। इसके बावजूद बीते 16 फरवरी 2024 को यह लोग उनके प्लाट पर आये और एक दर्जन अज्ञात लोगों के साथ मिलकर प्लाट की बाउंड्री तोड़कर प्लाट पर कब्जा कर लिया। जानकारी होते ही ओज और उनके बेटे श्वेतांशु दुबे मौके पर पहुंचे तो आरोप है कि उन्हे इन लोगों ने बेरहमी से पीटा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को कागजात के साथ थाने बुलाया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद पीड़ित ने महीनों तक अधिकारियों के चक्कर लगाये तब जाकर मंगलवार को सभी सात नामजद व एक दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।