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बाढ़ ने विकराल रूप धारण किया घाघरा नदी में समायें चार आशियाने

 

खबर दृष्टिकोण

ब्यूरो रिपोर्ट

सीतापुर।बैराजों से छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी से गांजर में रविवार को हालात बेकाबू दिखे। बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। घाघरा नदी में उफान से 80 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। लगभग 25 हजार आबादी प्रभावित है। परमगोंडा और शंकरपुरवा में चार मकान कटकर घाघरा नदी में समा गए हैं।

सैकड़ों बीघा फसलें पानी में डूब गई हैं। करीब 30 गांवों के रास्तों पर तेज बहाव के चलते संपर्क कट गया है। हर तरफ पानी ही पानी देख इलाके में हाहाकार मचा हुआ है। ग्रामीण नाव से पैदल व अन्य तरीकों से गृहस्थी समेटकर सुरक्षित ठिकानों की ओर जा रहे हैं। कई परिवार सैलाब के बीच फंस गए हैं, इन्होंने छतों पर व स्कूलों में शरण ले रखी है।

घाघरा नदी के जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि से तटवर्ती क्षेत्र के हालात बिगड़ गए हैं। बुचऊपुरवा, ढोडेपुरवा, लोधनपुरवा, नागेश्वर पुरवा, पीतांबर पुरवा, बैजू पुरवा, बक्सीपुरवा, फतेपुरवा, जगरूपपुरवा, केवड़ा, अखरी, अंगरौरा, मिश्रनपुरवा, केवड़ा, सोतीपुरवा, परमगोंडा, शंकरपुरवा, निरंजन पुरवा, बाबाकुटी, अटौरा, कनरखी, बगस्ती समेत करीब 80 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।

 

इनमें 30 से अधिक गांवों में घरों के भीतर तक पानी भर गया है। जबकि 50 गांव पानी से घिरे हुए हैं। कई परिषदीय स्कूल भी चपेट में आ गए हैं। अंगरौरा गांव में सड़क के ऊपर करीब पांच फीट पानी बह रहा है। रामरूपपुरवा, निरंजनपुरवा, मोतीपुरवा, पीतांबरपुरवा, बैजू पुरवा, शुकुल पुरवा, परमगोंडा, कोठार समेत करीब 30 गांवों का संपर्क टूट गया है। इन गांवों का आवागमन इस समय नाव से हो रहा है। परमगोंडा में केतकी, राकेश, रामपाल और शंकरपुरवा में विरभावती का मकान नदी के तेज बहाव में कट गया है।

सभी कटान पीड़ित प्राथमिक विद्यालय कलुवापुर में शरण लिए हुए हैं। बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि हर तरफ बाढ़ का पानी भरा होने से सबसे बड़ी समस्या शुद्ध पेयजल व खाना बनाने तथा शौच जाने की है। रविवार को लंच पैकेट वितरित किए गए, किंतु बाढ़ में फंसे अधिकतर लोगों तक मदद नहीं पहुंच सकी। सैकड़ो बीघा धान, गन्ना, मेंथा व उरद की फसल डूब गई है। स्थिति भयावह हो रही है। राहत के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।

 

 

15 गांवों में भरा बाढ़ का पानी, घर छोड़ रहे लोग

तंबौर में शारदा नदी उफनाने से तटवर्ती 15 गांवों के लोगों की धड़कनें तेज हो गई हैं। बसंतापुर, देवपालपुर, कोल्हू पुरवा, मोगलापुर, मीतमऊ, नकहा, परेवा, खैरीपट्टी, बोधवा, सेतुही में पानी घरों व रास्तों पर भर गया है। ग्रामीणों ने बताया कि घरों में घुसे पानी से काफी नुकसान हुआ है। लोग घरों को छोड़ ऊंचे स्थानों पर जाने को मजबूर हैं। लहरपुर एसडीएम आकांक्षा गौतम ने बताया कि लोगों को बाढ़ चौकियों में जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। राशन और अन्य खाघ पदार्थ ट्रैक्टरों से भिजवाया जा रहा है। ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा गया है। तटवर्ती गांवों में नावों को इस्तेमाल किया जा रहा है। एक स्टीमर की व्यवस्था भी की गयी है।

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