खबर दृष्टिकोण
ब्यूरो रिपोर्ट
सीतापुर।जिले के 272 को लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में लर्निग कॉर्नर बनेंगे। एक केंद्र पर 8,110 रुपये खर्च होंगे। इससे पूर्व प्राथमिक शिक्षा लेने वाले नौनिहालों को फायदा मिलेगा। इन नौनिहालों को खेल-खेल में ही पढ़ाई करवाई जाएगी। यह धनराशि एसएमसी के खातों में ट्रांसफर कर दी गई है।
नई शिक्षा नीति के तहत तीन से छह वर्ष के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से दी जाएगी। इसके बाद उन्हें प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेश मिलेगा। इन आंगनबाड़ी केंद्रों में लर्निग कॉर्नर बनाए जाएंगे। पहले चरण में उन केंद्रों को लिया गया है, जहां पर यह केंद्र प्राथमिक विद्यालय परिसर में स्थापित हैं।
जिले के 272 ऐसे केंद्र चिह्नित किए गए हैं। इन केंद्रों में लर्निग कॉर्नर शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। प्रत्येक केंद्र को 8,110 रुपये की धनराशि विद्यालय प्रबंध समिति के खातों में भेजी गई है। प्रधानाध्यापक, ग्राम प्रधान व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मिलकर इसे स्थापित कराएंगे। इसका फायदा इन केंद्रों पर आने वाले नौनिहालों को मिलेगा।
यह है लर्निग कॉर्नर
लर्निग कॉर्नर चार चरणों में बनेगा। इसमें रीडिंग कॉर्नर, आर्ट कॉर्नर, किताब कॉर्नर, प्रदर्शन कॉर्नर होगा। इसके सभी चरणों के चरण किचन सेट, डॉक्टर सेट, भोजन सेट, फू्रट सेट, टेलीफोन सहित अन्य सामग्री खरीदी जाएगी। जब बच्चे यहां पर पढऩे आएंगे तो उन्हें यह सामग्री देकर बेहतर तरीके से पढ़ाई करवाई जाएगी।
खातों में भेजा गया बजट
लर्निग कॉर्नर के लिए बजट मिल गया है। बीईओ को निर्देशित किया गया है कि वह एसएमसी के माध्यम से जल्द ही इसे स्थापित कराना सुनिश्चित करें।अखिलेश प्रताप सिंह, बीएसए