लाइफ केयर हास्पिटल के डॉ0 विपिन पाए गए सही
पत्रकार आशीष सिंह के ऊपर लगाए गए आरोप निराधार
इंस्पेक्टर कैलास दुबे ने पत्रकार को सम्मानपूर्वक किया विदा
ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ।
आशीष कुमार सिंह विशेष संवाददाता
लखनऊ- लाइफ केयर हास्पिटल पर एक गर्भवती महिला के पति राजकुमार ने हास्पिटल स्टाफ के ऊपर आरोप लगाए थे कि हमारी पत्नी की ऑपरेशन के द्वारा बच्चा पैदा किया जिसमें 51000 रुपये अस्पताल के द्वारा लिया गया है जिसका लिखित शिकायत प्रार्थना पत्र बीकेटी सीएचसी अधीक्षक जे पी सिंह को दिया था इसी बीच यह मामला सोशल मिडिया में पहुंच गया था जिसके कारण कई समाचार पत्रों ने प्रमुखता से लिखित प्रार्थना पत्र व महिला के पति व सास के बयानों के आधार पर दो तीन दिन लगातार खबरें चली जिससे स्वास्थ्य महकमा कुंभकरणी नींद से जागा और बीकेटी सीएचसी अधीक्षक ने तीन लोगों की टीम डॉ0 सब्बन अली बीपीएम पूनम और अजीत यादव बीसीपीएम को लाइफ केयर हास्पिटल को त्वरित जांच के आदेश दिया था।
प्रार्थना पत्र पर दिए आरोपो व इसके आलावा कई बिंदुवो पर नोडल अधिकारी डॉ0 सब्बन अली और उनके साथ उनकी टीम अजीत यादव, पूनम ने सज्ञान लेकर बड़ी ही गहनता से जांच किया। जिन बिंदुओं और मानको पर जांच किया उसमें अस्पताल के मालिक डॉ0 विपिन ने सारे मानकों के सारे पेपर फायर एनओसी के साथ साथ डॉक्टर स्टाफ के साथ उनकी डिग्री तक जांच टीम को सौपी जिसमें पीड़ित महिला के पति व उनकी सास के द्वारा लगाये गए लिखित शिकायत प्रार्थना पत्र व दिए गये बयान झूठे मिलें। और पीड़ित महिला पति राजकुमार ने अस्पताल स्टाफ पर 51000 रुपये ऑपरेशन करके ले लिए उसके बिल पीड़ित नहीं दे पाया था जो आरोप झूठा साबित हुआ और तब भी डॉ0 ने 35000 रुपये के बिल बाउचर नोडल अधिकारी डॉ0 सब्बन अली व उनकी टीम को सौप दिया। जो जांच टीम ने अधीक्षक साहबको जांच रिपोर्ट सौपी जिसमें लाईफ केयर हास्पिटल के डॉक्टर विपिन को बा इज्जत बरी कर दिया। और स्वतंत्र पत्रकार आशीष कुमार सिंह विशेष संवाददाता के ऊपर धन उगाही करने के लिए बीकेटी थाने पर लिखित शिकायत प्रार्थना पत्र थाने में दिया था। जिसके साक्ष्य डॉक्टर विपिन ने पुलिस को नहीं दे पाए जिस पर बीकेटी थाना प्रभारी कैलास दुबे एसएसआई अशोक कुमार सिंह और एस आई विकास सिंह ने बड़ी गहनता से पूछताछ किया जिस पर स्वतंत्र पत्रकार आशीष कुमार सिंह पर लगाए गये आरोपों को सिद्ध नहीं कर पाए जिससे डॉ0 विपिन ने थाने से प्रार्थना पत्र वापस लिया। पत्रकार को इंस्पेक्टर कैलास दुबे ने सम्मान पुर्वक विदा किया।