_स्वतंत्रता सेनानी, दिव्यांग, 50-80 वर्ष के बुजुर्ग व पत्रकारों को भी लगना हैं लाइन में।_
खबर दृष्टिकोण, जिला संवाददाता
बाराबंकी। जिले के रफी अहमद किदवई स्मारक चिकित्सालय में पैथालॉजी व ब्लड बैंक वालों को नहीं दिखता है स्वतंत्रता सेनानी, दिव्यांग, 50-80 वर्ष के बुजुर्ग व पत्रकारों का दर्द। वैसे तो अस्पताल आने वाले सभी परेशान ही होते हैं लेकिन कुछ को सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर वरीयता देने के लिए आदेशित कर रखा है परन्तु जनपद बाराबंकी में आए दिन जिला चिकित्सालय में अव्यवस्थाएं देखने को मिलती रहती हैं। जिसको लेकर समाचार भी प्रकाशित किए जाते रहते हैं मगर हालात और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं और सुधरे भी क्यों, जब कोई भी आला अधिकारी कोरम पूरा करने के सिवाय कार्यवाही करने या अपनी जिम्मेदारी को न समझते हुए इस पर ध्यान ही नहीं देना चाहते। जिले के सरकारी अस्पताल में पहुंचने पर लंबी-चौड़ी लाइन में लगने के बाद जब मरीज का नंबर आता है तो सबसे पहले आपको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना, पर्चे के लिए उसके बाद भारी भीड़ से बच-बचाकर निकलने के बाद डॉक्टरी सलाह के लिए लाइन। इस बीच मरीज की हालात चाहे जितनी नाजुक क्यों न हो हो अगर बड़ी बीमारी से परेशान हैं तो भारी भीड़ में लगकर पैथालॉजी, ब्लड बैंक में भी जाकर खड़ा होना ही होगा। वैसे तो अस्पताल की दीवारें लम्बे-चौड़े कोट्स से भरी मिलती है और हर जगह पर बोर्ड लगा हुआ है 50-80 साल के ऊपर बुजुर्गों, दिव्यांगजनों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और पत्रकार की एक अलग लाइन लगाने के लिए सरकार हर संभव दावे और वादे कर रही है मगर ऐसा बाराबंकी जनपद के जिला चिकित्सालय में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। मरीज को दर-दर भटकना पड़ता है और उनका सैम्पल नहीं हो पाता है। वहीं पत्रकार साथी भी अगर जाते हैं तो उनका भी कोई सम्मान नहीं होता है उनसे भी कह दिया जाता है कि आप भी लाइन में लगकर आइए। पत्रकार समाज का आईना होता है और हमारे लोकतांत्रिक देश का चौथा स्तंभ माना जाता है और सूबे के मुख्यमंत्री का आए दिन बयान आता रहता है किसी भी सरकारी विभाग में अगर पत्रकार जाए तो उसको मान सम्मान करना चाहिए; मगर ऐसा बाराबंकी जिला चिकित्सालय के पैथालॉजी में बिल्कुल नहीं हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही अस्पताल में आए दिन नजर आती है। आखिर कब सुधार होगा जिला सरकारी अस्पताल के पैथालॉजी व ब्लड बैंक में कार्यरत कर्मियों में? प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व सूबे के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक आए दिन अव्यवस्थाओं और कर्मचारियों के रैवये को लेकर फटकार लगाते रहते हैं कि किसी भी मरीज को जिला अस्पताल में इलाज को लेकर कोई समस्या नहीं होनी चाहिए क्योंकि स्वास्थ्य विभाग और सरकार सारी सुविधाएं समय से हर हाल में मुहैया करवाती है।