_सभी को गौ संवर्धन, संरक्षण के लिए सेवा भाव के साथ-साथ प्रयासरत होना होगा_
खबर दृष्टिकोण, जिला संवाददाता अतुल कुमार श्रीवास्तव
बाराबंकी। जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में निराश्रित गौवंश अब भटकते नजर नहीं आएंगे। जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने इसे लेकर खास रणनीति तैयार की है. लोकसभागार में आयोजित बैठक में इसकी जानकारी दी। जिलाधिकारी ने बताया कि गाय हमारी आस्था का विषय है, उसे हर हाल में सम्मान मिलना चाहिए। हमें उसके संरक्षण का भाव रखना चाहिए। जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर गौ संरक्षण का कार्य हो रहा है। हम सबको भी पशु संवर्धन, संरक्षण के लिए सेवा भाव के साथ-साथ प्रयासरत होना है। पशुपालकों को प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं। सभी परिवारों को जो धनराशि निश्चित है वह हर महीने उपलब्ध करायी जा रही है। निराश्रित गौवंश की सुरक्षा व देखभाल के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। गौवंश को पहले से संचालित गो संरक्षण केंद्रों तक पहुंचने उनके लिए चारे की व्यवस्था सुनिश्चित करने और समय-समय पर स्वास्थ्य प्रशिक्षण के लिए संबंधित अधिकारी व कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी गौवंशों के आश्रय के लिए उचित प्रबंध किए जाएं। बैठक में गौ आश्रय स्थलों में गायों के लिए पर्याप्त चारा, भूसा, प्रकाश आदि की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। आश्रय स्थल पर गौवंश के लिए चिकित्सा सुविधाएं और औषधि की व्यवस्था होनी चाहिए। गायों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण होना चाहिए। गौ आश्रय स्थलों में अतिरिक्त शेड का निर्माण कराया जाना चाहिए साथ ही आवश्यकता पड़ने पर गौ संरक्षण के लिए आम लोगों से सहायता ली जा सकती है। बैठक में जिलाधिकारी ने गौ संरक्षण के लिए किसानों से अपील की कि वे अपने पशुओं को छुट्टा न छोड़ें अन्यथा की दशा में गौ संरक्षण के लिए पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।
गायों की रक्षा के लिए गाय पालन और संरक्षण भी किया जा सकता है. इसके लिए, गायों को अच्छा भोजन, पानी, और चिकित्सा जैसी सुविधाएं होनी चाहिए। गौ आश्रय स्थलों में पूरे वर्ष हरा चारा उपलब्ध कराए जाने के दृष्टिगत नेपियर घास लगाने के निर्देश भी दिए गए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अ. सूदन, जिला विकास अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला परियोजना अधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी सहित संबंधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।