पीड़ित एक साल से अधिकारियों के इर्द गिर्द काट रहा चक्कर
कुछ छुटभैय्या नेता और चौकी रेहरिया प्रधान को दे रही संरक्षण
ख़बर दृष्टिकोण /जावेद खान
मोहम्मदी खीरी:- वैसे तो योगी सरकार का साफ साफ आदेश है कि कोई भी किसी की पैतृक निवास व जमीन को जबरन कब्जा नही करेगा ऐसा करने वाले के विरुद्ध शख्त कार्यवाही की जाएगी लेकिन यहां मामला उल्टा है जिस व्यक्ति के पास समस्त ग्राम पंचायत को साथ लें कर चलने की जम्मेदारी हो वही जनता की जमीन को कब्जे में लेने की नीयत बनाए बैठा है जी हाँ मामला ग्राम करौंदा का जहां पर ऐसा ही एक मामला संज्ञान में आया है कि जब पीड़ित तौहीद खां ने पुलिस को तहरीर दी है कि उसकी पैतृक जमीन पर अवैध रूप से कब्जा प्रधान के द्वारा किया जा रहा है और जबरदस्ती उस भूमि पर खूंटे गाड़ दिए गए पीड़ित की तहरीर पर चौकी प्रभारी के द्वारा निरीक्षण किया गया तो पुलिस का कहना है कि प्रधान के पास बैनामा है हैरानी की बात तो यह है कि आबादी की जमीन का बैनामा कहाँ से लाए प्रधान और पुलिस के जिम्मेदार ऐसा क्यों बोले जबकि इनसे पहले 2 चौकी प्रभारी रहे उनके पास भी यह प्रकरण आ चुका यहाँ तक कि क्षेत्रीय विधायक ने भी इसको हल करने का कई बार प्रयास किया लेकिन दबंग प्रधान ने भी उनकी बात को नजरंदाज किया था और कई बार इस भूमि को लेकर मारपीट का भी मामला सामने आया था तब प्रशासन ने दोनों पक्षों को बाउंड भी किया था और उसके बाद यह मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है उसके बाबजूद चौकी इंचार्ज का ये रवैया समझ से परे हैं कोर्ट का आदेश भी लगता है सब इनके लिए मात्र खिलौना है बहरहाल पीड़ित एक साल से अपनी पैतृक जमीन को दबंग प्रधान के चूंगुल से छुड़ाने के अथक प्रयास किए जा रहा है लेकिन शासन प्रशासन द्वारा उसे मूकी ही खानी पड़ी है अब देखना यह है कि पीड़ित की तहरीर पर चौकी इंचार्ज के द्वारा कुछ कार्यवाही की जाएगी या फिर मिलजुलकर प्रधान से मामले को दफन कर दिया जाएगा।