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किसके इशारे पर खुलेआम डाल रहा डैकैती मानक विहीन अस्पताल? लाइफ लाईन हास्पिटल जेहटा

 

 

डॉ0 सर्वेश गौतम ने कवरेज करने गए पत्रकार को दी खुली चेतावनी

 

डॉ0 सर्वेश गौतम के सिर पर आखिर किस माफिया का मिल रहा है संरक्षण

 

पत्रकार आशीष सिंह के ऊपर कभी भी करा सकता है जानलेवा हमला डॉ0 सर्वेश गौतम

ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ।

आशीष कुमार सिंह विशेष संवाददाता

सूत्रों से पता चला है सरकार अगर सीएमओ आफिस व क्षेत्रिय सीएचसी अधीक्षक को छोड़कर किसी दूसरे जनपद के स्वास्थ्य टीम से अगर बड़ी ही गम्भीरता से कैमरे को आन करके जांच करा ले तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि जनपद लखनऊ में जितने भी प्राइवेट हास्पिटल चल रहे हैं इनमें से 90% अस्पतालों में मानको की तो बात छोड़िए आप और भी तमाम अनियमताएं जैसे की कोई भी नर्सिंग स्टाफ शिक्षित मिलेगा ना ही कोई भी प्रशिक्षित डाक्टर और ना ही वार्ड ब्वाय के साथ साथ आक्सीजन, व साफ सफाई यह बड़ी ही विडम्बना है।आपको बता दें अभी कुछ दिनों से लगातार समाचार पत्र ट्वीटर,फेसबुक, इंस्टाग्राम,पोर्टल चैनल व टी वी चैनल के सोशल प्लेट फार्म पर चल रही है।लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग मूकदर्शक बना बैठा है। यहां तक तमाम खबरें प्रकाशित होने के बाद जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सीएमओ मनोज अग्रवाल से सीएमओ कार्यालय पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनोज अग्रवाल के ऑफिस के सामने बैठी कंप्यूटर पर मैडम ने बताया की साहब की तबियत खराब है वह अभी छुट्टी पर है और वह आपको सोमवार को मिलेंगे।

 

उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बयान

मानक विहीन अस्पतालों पर लगातार चल रही स्टोरी के बाद जानकारी के लिए जब पत्रकार आशीष सिंह उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी अखंड प्रताप से मुलाकात की तो उन्होंने पत्रकार से सबसे पहले सवाल किया आप मान्यता प्राप्त हैं तो पत्रकार ने कहा जी नहीं फिर उसके बाद दो अखंड प्रताप सिंह ने कहा कि पहले तो आप अपना यहां पर हमारे यहां रजिस्ट्रेशन करवाइए उसके बाद दिखवाता हूं। अब समझने वाली बात यह है कि इस तरीके से प्रशिक्षित डॉक्टर अखंड प्रताप सिंह पत्रकारों से इस तरीके से इस लहजे में बात करते हैं समझ में नहीं आ रहा है आखिर किसका संरक्षण प्राप्त है जो जिम्मेदार अधिकारी इस तरीके से पेश आते हैं हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि जहां से अमर उजाला दैनिक जागरण का रजिस्ट्रेशन दिल्ली से होता है वहीं से हम लोगों का भी आर एन आई रजिस्टर्ड हुआ है उसके बावजूद भी ऐसा व्यवहार यह एक बहुत ही गंभीर विषय है। अब देखने वाली बात यह है की उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार इस तरीके के अधिकारियों पर किस तरीके की कार्यवाही करेंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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