(जिंदा अधिवक्ता को मृत दिखाकर चकबंदी अधिकारियो व कर्मचारियो की मिलीभगत से जालसाजो ने दर्ज करा दी फर्जी पत्नी व बच्चो के नाम वरासत)
(अधिवक्ताओ ने सम्पूर्ण समाधान दिवस की कार्यवाही ठप्प कराकर जमकर कांटा हगांमा,फर्जी वरासत तत्काल निरस्त कराने व फर्जीवाड़ा करने वाले अधिकारियो व जालसाजो पर कार्यवाही की मांग)
ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ।
मोहनलालगंज।मोहनलालगंज तहसील में शनिवार को आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कौशलेन्द्र शुक्ला व महामंत्री रामलखन के नेतृत्व में पहुंचे सैकड़ो अधिवक्ताओ ने एडीएम आपूर्ति साहबलाल व एसडीएम बृजेश कुमार वर्मा के सामने जमकर हगांमा करते हुये फरियादियो की जनसुनवाई ठप्प करा दी।अधिवक्ताओ का आरोप था मोहनलालगंज तहसील के वरिष्ठ अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण त्रिवेदी निवासी पुरहिया थाना निगोहां को चकबंदी विभाग के अधिकारियो व कर्मचारियो ने फार्म-5 पर मृत दिखाकर उनकी पैतृक गांव पुरहिया में स्थित जमीन गलत वारिसो के नाम दर्ज कर दी।जब कि अधिवक्ता जिंदा है ओर मौजूदा समय में तहसील में प्रैक्टिस कर रहे है।वरासत दर्ज करने के लिये मृत्यु प्रमाण पत्र व परिवार रजिस्टार की नकल व प्रधान रिपोट तक नही ली गयी। चकबंदी विभाग के अधिकारियो व कर्मचारियो ने खेल करते हुये बिना प्रपत्रो के फर्जी वरासत दर्ज कर दी।नाराज अधिवक्ताओ ने जिंदा अधिवक्ता को मृत्यु दिखाकर वरासत दर्ज करने वाले चकबंदी अधिकारी व कर्मचारियो के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्यवाही करने व गलत वरासत निरस्त करने की मांग की।अध्यक्ष कौशलेन्द्र शुक्ला व महामंत्री रामलखन ने फर्जीवाड़ा करने वालो पर तत्काल कार्यवाही ना होने पर तहसील के सारे काम काज ठप्प कराकर प्रदर्शन कराने की चेतावनी दी।एडीएम साहबलाल ने अधिवक्ताओ को समझाते हुये चकबंदी विभाग के अफसरो को मौके पर बुलाकर फटकार लगाते हुये तत्काल गलत वरासत को निरस्त करने व जांच कर कर्मचारियो पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दियें।जिसके बाद आक्रोशित अधिवक्ता शांत हुये ओर वापस लौट गये।इस दौरान करीब आधे घंटे तक सम्पूर्ण समाधान दिवस नें जनसुनवाई ठप्प रही।
अधिवक्ता की पत्नी व बच्चे बनाकर दर्ज कर दी वरासत…
चकबंदी अधिकारियो व कर्मचारियो के फर्जीवाड़े का खेल एडीएम आपूर्ति साहबलाल व एसडीएम बृजेश कुमार वर्मा के सामने आया तो उनके होश उड़ गये,पीड़ित अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण द्विवेदी ने बताया उनको फार्म-5 पर मृत दिखाकर जिस महिला प्रेमा देवी को पत्नी बताते व सोनू व मोनू को बेटा बताते हुये वरासत दर्ज की गयी उन्हे वो जानता तक नही ओर दूर दूर तक कोई सम्बंध भी नही है।पीड़ित अधिवक्ता ने पूरे फर्जीवाड़े में शामिल चकबंदी के अफसरो व कर्मचारियो व वरासत कराने वाले जालसाजो की पहचान कराकर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।