सीतापुर, । फ्री फायर गेम की लत में फंसकर बच्चों ने अपने ही घर से गहने और नकदी पार कर दी। इस मामले का राजफाश तब हुआ जब सिधौली पुलिस ने चोरी की इस घटना की तफ्तीश की। इस मामले में परिवारजन ने कार्रवाई न करने का लिखित आग्रह पत्र पुलिस को दिया है। इसी वजह से पुलिस ने बच्चों को चेतावनी देकर छोड़ दिया है।गांधीनगर मुहल्ले की महिला ने सिधौली कोतवाली में घर की अलमारी में रखी ज्वैलरी व 85 हजार रुपये नकदी चोरी होने का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में सिधौली पुलिस ने तफ्तीश शुरू की। कोतवाल आलोकमणि त्रिपाठी ने क्लू मिलते ही खुद पड़ताल की तो परत-दर-परत खुलती चली गई।दरअसल, घर में जिस अलमारी से गहने और रुपये चोरी हुए थे, उसी को देखकर यह लग रहा था कि कोई अंदर का ही व्यक्ति वारदात में शामिल है। वहां किसी बाहरी का पहुंचना मुमकिन नहीं था। इस मामले में पहले दो किरायेदार युवतियों की भूमिका संदिग्ध लगी लेकिन, बाद में दोनों भाई ही पुलिस के निशाने पर आ गए। इन बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखी गई तो यह पता चला कि दोनों मोबाइल में गेम खेलने के आदी हैं। दोनों से पूछताछ की गई तो पता चला कि फ्री फायर गेम में सहुलियतें हासिल करने के लिए ही उन्होंने ही घर में चोरी कर अपने एक दोस्त को पैसा दिया है।सिधौली के ही निवासी इन भाइयों के नाबालिग दोस्त से पूछताछ की गई। इस दौरान यह पता चला कि उसने राजस्थान के निवासी एक लड़के को यह धनराशि बैंक खाते में ट्रांसफर की है। अब पूरा खेल खुल चुका था। कोतवाल ने इन बच्चों से बात की तो सभी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। इंस्पेक्टर सिधौली के मुताबिक, राजस्थान के दिव्यांश (बदला नाम) ने यह धनराशि खाते में वापस की। इसके बाद पुलिस ने सिधौली के निवासी बच्चे से धनराशि को दोनों बच्चों की मां के खाते में ट्रांसफर कराया। गहने भी बरामद हो गए हैं।विशेषज्ञ बताते हैं कि गेम के लिए आनलाइन भुगतान करने पर थोड़ा सहुलियतें बढ़ जातीं हैं। मोबाइल पर गन व अन्य सुविधाएं और बेहतर हो जाती हैं। कपड़े व अन्य वस्तुएं आकर्षक दिखने लगती हैं।
