प्रदेश शासन के निर्देशों की खुले आम उडा़ रहे धज्जियाँ ।
सुदीप मिश्रा
मिश्रित /सीतापुर । मिश्रित ब्लाक की ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के नाम पर जिम्मेदारों द्वारा कागजी कार्य दिखाकर की जाने वाली सरकारी धनराशि लूट का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है । जिलाधिकारी कागजी विकास कार्यों पर काफी सख्त रुख अपना कर संजीदगी का परिचय दे रहे हैं । फिर भी विकास कार्यों को लेकर ब्लाक के अधिकारी कर्मचारी और प्रधान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं । ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला ग्राम पंचायत जसरथपुर के एक मजरा गुफ्फा पुरवा का प्रकाश में आया है । यहां रणविजय के मकान से अमरनाथ के मकान तक बीते कार्यकाल में बनी नाली की मरम्मत के नाम पर कार्य आइडी संख्या 6278 51 57 के माध्यम से डेढ़ लाख रुपए से अधिक की सरकारी धनराशि को चूना लगा दिया गया है । ग्रामीण बताते हैं कि उक्त नाली बनने के बाद से आज तक जस की तस पड़ी हुई है । जगह-जगह पर टूटी पड़ी है । चल रहे वर्तमान प्रधानी कार्यकाल में इसकी कोई मरम्मत नहीं कराई गई है । जबकि मरम्मत के नाम पर उपरोक्त कार्य आईडी पर ग्राम प्रधान रामपाल के खाते में दो बिलों के माध्यम से पहला भुगतान 18 हजार 920 रुपये का तथा दूसरा भुगतान 29 हजार 820 का भेजा गया है । जबकि मजदूरी आदि का भुगतान ग्राम प्रधान के खाते में भेजना प्रतिबंधित है । फिर पता नहीं किस नियम के तहत ब्लाक के जिम्मेदारों ने प्रधान के खाते में उक्त धनराशि भेज कर उसका आहरण करा दिया । इतना ही नहीं इसी नाली मरम्मत में गोला बाबा ईट उद्योग को 56 हजार 399 रुपये का भुगतान किया गया है । इतनी धनराशि से ईंट खरीद कर नई नाली का निर्माण हो जाता । फिर भी ईंट बच जाती इस नाली निर्माण सामग्री में मौरंग , बालू , सीमेंट के नाम पर नंदवंशी ट्रेडर्स एंड सप्लायर को 48 हजार 901 रुपए का भुगतान कर दिया गया है । जब नाली की मरम्मत हुई ही नहीं तो ट्रेडर्स से खरीदी गई सामग्री गई तो गई कहां । इस तरह नाली मरम्मत के नाम पर डेढ़ लाख रुपए से अधिक की सरकारी धनराशि को चूना लगाया गया है । जिसकी तरफ जिला प्रशासन को गंभीरता से जांच कराकर कार्यवाही करने की आवश्यकता है ।
