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लखनऊ| राज्य सरकार की अंशधारिता वाली शीर्ष सहकारी समिति-उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ (यूपीआरएनएसएस), राज्य सरकार की राजकीय निर्माण एजेंसी है, पर पूर्ववर्ती उ0प्र0 विधायन एवं शीतगृह सहकारी संघ के भूतपूर्व सभापति नरेश शंकर श्रीवास्तव द्वारा अवैध ढंग से बहुराज्यीय सहकारी समिति के रूप में पिछले 20 वर्षों से अधिक कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा था| प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय ने अहम फैसला देते हुए राज्य सरकार के पक्ष में निर्णय दिया है। यह जानकारी प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री जेपीएस राठौर ने बुधवार को दी। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में सालीसीटर जनरल तुषार मेहता तथा अतिरिक्त सालीसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को प्रस्तुत कर राज्य सरकार का मजबूती से पक्ष रखा, जिसके कारण राज्य सरकार के पक्ष में फैसला आया है। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में विरोधी पक्ष ने राज्य की अंशधारिता वाली शीर्ष संस्था उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ की समस्त पूंजी एवं दायित्वों पर अपना दावा प्रस्तुत किया जा रहा था।