खबर दृष्टिकोण
महमूदाबाद /सीतापुर।
क्षेत्र में रविवार सुबह हुई बारिश के कारण नगर में जगह-जगह जलभराव की समस्या ने पालिका प्रशासन के जलनिकासी के दावों की पोल खोल दी। नगर के कृषि उत्पादन मंडी समिति कार्यालय व पीडब्ल्यूडी निरीक्षण भवन सहित तमाम से मार्ग भी जलमग्न हो
गए। नालों की सफाई बेहतर तरीके से नहीं होने के कारण नगर के कुछ सड़कें भी अधिक प्रभावित रहीं। वरिष्ठ नागरिक व कांग्रेस कमेटी के ज़िला महासचिव अय्यूब अहमद डंपी और आरटीआई विशेषज्ञ शमशेर अली अंसारी ने कहा कि यहां पर दिनोंदिन हालात बदतर होते जा रहे हैं तथा अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं। पालिका प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। प्रत्येक वर्ष प्रशासनिक अधिकारी मानसून से पहले सफाई के बड़े-बड़े दावे करते नहीं थकते हैं, लेकिन पहली बारिश में ही इन दावों की हवा निकल जाती है। जिसका खामियाजा नगरवासियों को भुगतना पड़ता है। फिलहाल की बात करें तो नगर की सूरत को देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि यह गालिबन बनने वाला जिला मुख्यालय है। यहां पर सफाई के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। शहर के नाले और नालियां गंदगी से लबालब हैं। हालांकि अभी दो दिन पहले एसडीएम शिखा शुक्ला ने ईओ शैलेंद्र दुबे संग नगर का पैदल निरीक्षण किया था और जलभराव और चोक पड़े नाले और नालियों की साफ सफाई को लेकर तल्ख लहजे में संबंधी मातहतों को निर्देश भी दिए थे। नगर के बिसवां रोड स्थित पीडब्ल्यूडी निरीक्षण भवन, सिधौली रोड स्थित कृषि उत्पादन मंडी समिति कार्यालय, डॉन बॉस्को स्कूल के पास स्थित पुलिया से किला रोड सहित कई अन्य जगहों पर जलभराव है। यहां बारिश के बाद सूरत ही बदल जाती है। यहां जमे पानी से कीचड़ हो जाता है, जिसमें लोगों को करीब एक सप्ताह से अधिक दिन तक परेशानी झेलनी पड़ती है। इसके बावजूद भी वातानुकूलित कमरों में बैठने वाले अधिकारियों का आमजन की समस्या से कोई सरोकार नहीं है, जिससे लोगों में प्रशासन के प्रति नाराजगी साफ देखी जा सकती है।
