खबर दृष्टिकोण
महमूदाबाद/सीतापुर।भीषण गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है। वहीं, तहसील में पेयजल का कोई इंतजाम नहीं है। नतीजतन एसडीएम, तहसीलदार व सीओ से मिलने आने वाले फरियादियों को पेयजल का दंश झेलना पड़ रहा है। यही वजह है कि फरियादी पानी के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं। इसलिए मजबूरी में बाहर से पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है। करीब एक दशक पहले बनी पानी की टंकी सूखी पड़ी है और टोटीविहीन है। तहसील परिसर में लगे दो हैंडपंपों की भी सांसे थमने सी लगीं हैं। तहसीलदार कार्यालय के सामने पूरब की दिशा में बना शौचालय भी अब मलमूत्र की भेंट चढ़ चुका है। लिहाज़ा अब इसे कोई राजस्वकर्मी व फरियादी उपयोग नहीं कर रहे हैं। एक तहसील के एक लेखपाल ने बताया कि शौचालय की स्थिति यह है कि अगर इसमें कोई चला जाए तो वह मूर्छित होकर गिर जायेगा। पास में बनी पानी की टंकी भी टोटीविहीन है और लगभग दो वर्षों से इसमें जलापूर्ति नहीं हो रही है। जिमीदारो का ध्यान इस ओर नहीं जाता। तहसील परिसर में कुल दो हैंड पंप लगे हैं। जो दूषित पानी दे रहे हैं। अलम यह है कि लोग पानी पीना तो दूर नल में हाथ धुलना भी पसंद नहीं कर रहे। रजिस्ट्रार कार्यालय के पास में लगे हैंडपंप के पास कूड़ा बजबजा रहा है। सोमवार शाम तहसील में मौजूद कुछ अधिवक्ताओं ने बताया कि छुट्टी के कारण बार एसोसिएशन बंद है जिसमे वाटरकूलर की व्यवस्था थी। और तहसील परिसर में पेयजल व्यवस्था बदहाल होने से उन्हें भी सोमवार को पेयजल संकट से गुजरना पड़ रहा है। उनका कहना है कि शौचालय गंदगी का शिकार है।और परिसर में पेयजल व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। मगर जिमीदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंगती। ऐसे में फरियादियों व तहसील कर्मियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। हालांकि कि गंभीर समस्या को लेकर तहसीलदार सुरभि रॉय के सीयूजी नंबर पर फोन किया गया मगर उनका फोन नहीं उठा।