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श्रमिक बच्चों को हमेशा की तरह आज भी परोसा गया भोजन

 

 

इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी

ब्रज की रसोई: इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी के संस्थापक विपिन शर्मा ने बताया कि यह सेवा विगत कई बर्षो से चलाई जा रही है और इनका उद्देश्य अनाथ, बच्चों, गरीबों, भक्तों और जनसाधारण को शुद्ध, सात्विक और स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराना है।

संवाददाता समीर खान

ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ।

लखनऊ। राजधानी लखनऊ अपनी विशिष्ट भोजन संस्कृति के लिए विश्वविख्यात है। यहां की एक अद्वितीय स्थली ने अपने सरल और स्वादिष्ट भोजन के साथ गरीब, असहाय, अकिंचन व बच्चों के हृदय को जीत लिया है। यदि आप भी पाना चाहते है ये भोजन प्रसाद तो प्रत्येक रविवार सायं 5 बजे से आशियाना क्षेत्र में इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी द्वारा संचालित ब्रज की रसोई’ आपके लिए एक आदर्श स्थल है। यहां आपको हर बार अलग- अलग प्रकार का शुद्ध, सात्विक और स्वादिष्ट भोजन निःशुल्क परोसा जाता जाता है।

संस्था के संस्थापक विपिन शर्मा ने बताया कि यह सेवा विगत कई बर्षो से चलाई जा रही है और उनका उद्देश्य गरीबों, भक्तों और जनसाधारण को शुद्ध, सात्विक और स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराना है। यह सेवा लखनऊ के आशियाना क्षेत्र के चिन्हित स्थानों पर संचालित की जाती है। यहां सभी आमजनों को सात्विक भोजन निःशुल्क परोसा जाता है।

संस्था की सदस्य श्रुति अवस्थी ने बताया कि यहां प्रसाद के रूप में मुफ्त भोजन देते हैं। यहां आने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें घर जैसा भरपेट भोजन निःशुल्क मिलता है। जिसका स्वाद बड़े होटलों और रेस्टोरेंट्स को भी पीछे छोड़ देता है।

धर्म कार्यों में बढ़चढ कर हिस्सा लेने बाली समाज सेविका मिट्ठू रॉय ने बताया आज के भोजन वितरण सामग्री दानवीर धीरज गुप्ता (बंगला बाजार) की तरफ से है उन्होंने कहा ब्रज की रसोई में प्रत्येक रविवार को निशुल्क भोजन का वितरण किया जाता है, जो भी व्यक्ति सेवा भाव से हमारी संस्था के साथ जुड़ना चाहते हैं और सहयोग प्रदान करना चाहते हैं, उनका हार्दिक स्वागत है।

संस्था की वरिष्ठ सदस्य रश्मि शुक्ला ने बताया यदि आप इस नेक प्रयास में सहयोग देना चाहते हैं, तो कृपया निःसंकोच हमारी संस्था से संपर्क करें। आपका योगदान न केवल जरूरतमंदों के लिए मददगार होगा, बल्कि आपको भी आत्मिक सुख संतोष और पुण्य का अनुभव कराएगा। आइए, मिलकर इस नेक सेवा कार्य में भाग लें और समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाएँ।संस्था का उद्देश्य है कोई भी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति भूखा ना रहे।

आज इस खास मौके पर आये अलोक धर जी ने बताया कि अन्नदान से बढ़कर कोई दान नही हैं गरीबों की सेवा और किसी भूखे को भोजन कराने से बढ़ा कोई भी पुण्य कार्य नही हैं। हमारी तेज़-तर्रार जीवनशैली और लगातार ध्यान भटकाने वाली चीजों के साथ, दान देना हमारी साझा मानवता की एक शाश्वत याद है। इसके मूल में, दान करुणा और उदारता की एक सुंदर अभिव्यक्ति है। यह पीड़ा को कम करने, समुदायों के उत्थान और सकारात्मक परिवर्तन लाने की हमारी सामूहिक इच्छा का प्रतीक है।

इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी के संरक्षक आचार्य चंद्रभूषण तिवारी (पेड़ बाले बाबा) ने बताया, “दान का अर्थ दूसरों तक पहुंचना और बदले में कुछ भी अपेक्षा न करना है।” “यह दयालुता का शुद्ध कार्य है।” धर्मार्थ दान हमारे समाज की आधारशिला है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 1 अरब बच्चों सहित दुनिया की आधी से अधिक आबादी गरीबी में रहती है। इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी जैसी संस्थायें लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकलकर एक स्वस्थ, उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रदान करने में मदद करने के लिए प्रयास करती आ रही हैं।

 

रजनीश मिश्रा कहते है एक शोध से पता चलता है कि दान आपके जीवन को समृद्ध बना सकता है, आपके समुदाय को एकजुट कर सकता है, और आपको ऐसे लोगों और विचारों से जोड़ सकता है जो आपके शेष जीवन के लिए आपके दृष्टिकोण पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे।

यह उद्देश्य और व्यक्तिगत पूर्ति की भावना को बढ़ावा देता है। धर्मार्थ भोजन दान हमें उन उद्देश्यों में योगदान करने की अनुमति देता है जिनकी हम गहराई से परवाह करते हैं, उद्देश्य और पूर्ति की भावना प्रदान करते हैं। यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। नियमित रूप से कृतज्ञता का अभ्यास करने को बेहतर मानसिक स्वास्थ्य से जोड़ा गया है। जब हम उदारतापूर्वक कार्य करते हैं – वित्तीय दान के माध्यम से या किसी प्रियजन को छुट्टियों के लिए वह उपहार देते हैं जो वे वास्तव में चाहते हैं – तो यह सामाजिक जानकारी के प्रसंस्करण और खुशी महसूस करने से जुड़े मस्तिष्क के हिस्सों के बीच अधिक संपर्क बनाता है।

आज के इस कार्यक्रम में शामिल आचार्य चंद्र भूषण तिवारी, प्रेम आनन्द श्रीवास्तव, देवांश रस्तोगी, वी. के. पंकज राय, धीरज गुप्ता, एस. के. मिश्रा, आशीम राव, अलोक धर, रजनीश मिश्रा, संजय श्रीवास्तव, रंजीत कश्यप, बिशु गौड़, नवीन कुमार, वरुण कश्यप, रश्मि शुक्ला, मिट्ठू राव, श्रुति अवस्थी सहित सभी समाजसेवी सज्जनों का इण्डियन हेल्पलाइन सोसाइटी के संस्थापक विपिन शर्मा ने आभार व्यक्त किया l

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