चाहे मौसम ठंडी हो या कड़ाके की धूप, बिजली विभाग हर समय में लापरवाह
खबर दृष्टिकोण जुम्मन अली
कुशीनगर । विकास की महिमा अपरम्पार है और कुशीनगर की बिजली व्यवस्था बेचारी लाचार है। चैत्र वैशाख के महिनों में ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली विभाग की सख्त लापरवाही देखने को मिलती है। जिले के कसया, पडरौना, सेवरही जैसे सभी क्षेत्रों में बिजली विभाग की स्थिति बेहद दयनीय है। ज्यादातर क्षेत्रों में बिजली तारों के जर्जर होने की वजह से कई बर बिजली विभाग के कर्मचारीगण ना चाहते हुए भी कटौती करने में लग जाते हैं। फिर भी कुछ इलकों में जरजर हालातों को सुधारने का प्रयास तो किया गया लेकिन देश की विकास की रफ्तार जिस गति से बताई जा रही है उसके हिसाब से तो यह गति कुछ नहीं है।
सर्दियों के मौसम में बिजली विभाग के कर्मचारियों को हिटर से डर लगता है तो वहीं गर्मियों में कुलर और फ्रिज से। गांव में बिजली विभाग की इतनी लापरवाही है कि इनके कर्मचारी तक बेपरवाह बने रहते हैं यानी क्षेत्रों में जाने आने में आनाकानी करते हैं। छमाही या तिमाही नहीं तो कम से कम महीने में तो संबंधित क्षेत्रों का भ्रमण कर ही लेना चाहिए। कई ग्रामीण क्षेत्रों में तो बिजली के तार टूट जाए या ट्रांसफॉर्मर से संबंधित कोई समस्या आ जाए तो ग्रामीणों द्वारा आपसी चंदे का इस्तेमल करके सुधार कराया जाता है। तो सोचे जहां इस प्रकार की समस्या हो वहां बेचारे कर्मचारी कौन सा मुंह लेकर जाएंगे।
कड़ाके की धूप वाली इस मौसम में आज कल तापमान 40 से 45 डिग्री रह रही है। हर किसी को नहीं कुछ तो पंखे की आवश्यकता है। जनपद में लगातर कई क्षेत्रों से आगजनी के मामले सामने आए हैं जिसमें ज्यादातर दिन में पराली जलाने वालों की वजह तो वहीं कुछ लोगों की लापरवाही भी शामिल है जिसमें दिन में खाना बनाना, धूम्रपान करना वगैरह शामिल है। लेकिन बिजली विभाग के कर्मचारियों को इसी में बिजली कटौती का मौका मिल जा रहा है। यहां दिन में बिजली रानी प्रतिदिन जाने कहाँ चली जा रही जिसकी वजह से जनता कड़ाके की धूप की वजह से गर्मी से बेहाल होकर तड़प रही है। अभी कुछ लिख दिया जाए तो बिजली विभाग को बुरा लग जाएगा लेकिन ये अपनी बिजली व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने या नाच नचाने का काम बंद नहीं कर करेेंगे।
