आधा अधूरा काम करवाकर ठेकेदार गायब
खबर दृष्टिकोण
सतेन्द्र सिंह
महोली /सीतापुर। नगर मे प्रवाहित कष्टहरनी कठिना नाम से विख्यात नदी एक अदद घाट के लिये कई वर्षों से राह तक रही है। जब कि सरकार द्वारा बाबा बैजनाथ धाम स्थित घाट निर्माण के लिए लगभग एक करोड़ रुपए बजट पास किया था। जिसमें यह घाट भी बनना था। लेकिन लगभग चार वर्ष होने के पश्चात अभी तक नदी पर घाट का निर्माण नहीं हो पाया है । ये नगर के लिये अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। बता दें कि नगर मे लगभग चार किलोमीटर क्षेत्र को अपनी अविचल धारा से अभिसिंचित करने वाली कठिना नदी के तट पर तीन दिव्य धाम है। बाबा बैजनाथ धाम, बाबा टेकेश्वर धाम व राधाकृष्ण सतसंग आश्रम स्थित हैं। जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या मे श्रद्धालुओं का पूजन अर्चन के लिए आना जाना बना रहता है। वहीं बाबा बैजनाथ धाम कई वर्षों से प्रतिमाह अमावस्या को मेले का आयोजन होता है। इस अमावस्या के मेले मे आये हुए श्रद्धालुओं को स्नान व तर्पण करने मे काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। जिसका मुख्य कारण तट पर भीषण गंदगी व घाट का न होना है । वहीं दूसरी तरफ बाबा टेकेश्वर धाम के पीछे नगर का एकमात्र अंत्येष्टिस्थल है । जहां मृत देह की अंत्येष्टि मे आये लोगों को अंत्येष्टि के पश्चात अपने मृत परिजन को तर्पण करने के लिये स्वच्छ जल नही मिल पा रहा है। इसका भी मुख्य कारण नदी के तट पर शौंच करने आये लोगों द्वारा की गई गंदगी और वहां पर किसी भी प्रकार के घाट का न होना है। बाबा बैजनाथ धाम के पुजारी धीरेंद्र गिरी व संतोषी माता के पुजारी अमरीष गिरी ने बताया कि क्षेत्र मे होने वाले किसी भी मंदिर की स्थापना व यज्ञ के लिये यहीं से कलश यात्रा प्रारम्भ की जाती है।कलशयात्रा मे सम्मिलित होने वाली माताओं और बहनो को कलश भरने के लिये काफी दिक्कतो का सामना करना पडता है। जबकि लगभग चार वर्ष पहले बाबा बैजनाथ धाम व संतोषी माता मंदिर के सौंदर्यीकरण व नदी के तट पर घाट के निर्माण के लिए सरकार द्वारा एक बडी धनराशि नगर पंचायत महोली को मुहैया की जा चुकी है। मगर लगभग चार वर्ष व्यतीत होने के बावजूद नगर पंचायत द्वारा घाट का काम पूरा नही कराया गया है। उन्होने यह भी बताया कि उक्त ठेकेदार द्वारा घाट पर कुछ दिन तक काम कराया गया। मगर सिर्फ घाट मे उपयोग होने वाली बिम व मिट्टी ही पड़ पाई बाकी का काम आज तक नहीं हुआ है। खैर परिस्थितियां जो भी हो मगर सरकारी तंत्र की उदासीनता व ठेकेदार की लापरवाही के चलते यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को नदी मे स्नान व तर्पण के लिये भारी कठिनाई व संकट का सामना करना पड़ रहा है।



