खबर दृष्टिकोण संवाददाता/ रफीक खान
पसगवां खीरी।आज उत्तरप्रदेश में पीडीए शब्द की बड़ी चर्चा होती है मुख्य विपक्षी दल पीडीए का बड़ा हिमायती बनता है परंतु पीडीए का राज्यसभा चुनाव में मनोज पांडे,राकेश प्रताप सिंह,राकेश पांडेय,अभय सिंह,महाराजी प्रजापति,अमरपाल मौर्या जैसे पी और ए पार्टी के उम्मीदवार को वोट नही दिए इसी ए का हिस्सा आबिद रज़ा,सलीम शेरवानी ने पार्टी से किनारा कर लिया ये यही नही रुक जनवादी पार्टी के मुखिया संजय चौहान ने सपा से दूरी बना ली साथ ही पल्लवी पटेल,चंद्रशेखर आज़ाद,दारा सिंह चौहान,ओमप्रकाश राजभर,स्वामी प्रसाद मोर्या ने भी आपकी दोहरी मानसिकता के चलते आपसे किनारा कर लिए मेरठ,बिजनौर ,में भी आपने सामान्य सीट पर जो प्रत्याशी उतारे आपकी नियत है कि भाजपा को वाकओवर दिया जा रहा है आप की सोच स्थिर नही है कभी मन्दिर के बदले मंदिर की राजनीति कभी शोषितो की आवाज़ बनने का नाटक और कभी एमवाई का मतलब बदलने की कोशिश सिद्ध कर रहा सपा मुखिया कंफ्यूज है या जान बूझ कर कमज़ोर प्रत्याशी लड़ा कर भाजपा के लिए रास्ता साफ कर रहे है अब जनता आपको विपक्ष का विकल्प भी नही समझती खीरी को ही ले लीजिए अपने गृह राज्यमंत्री के खिलाफ इतना कमजोर प्रत्याशी उतार दिया जो खुद के पैर पर छोड़िये सहारे की बैसाखी पर भी खड़ा नही हो सकता वैचारिक दिवलिय के साथ बचकानी सोच के कारण अपने ही नाराज़ साथियों से लड़ने के सिवा उनका कोई शगल नही किस्मत और पुरखो की बोई फसल को कितनी बार काटोगे अपनी फसल बोने का जब सामर्थ्य ही नही ऐसे में उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा के समक्ष एक मजबूत विकल्प की तलाश में निकल पड़ी है उत्तर प्रदेश के परिणाम भले ही भाजपा के पक्ष में जाये लेकिन सपा अपना विपक्ष का तमगा बचने की जद्दोजहद में भी सफल होती प्रतीत नही हो रही आप लोकदल की तरह जो जाट समुदाय की पार्टी बनकर दो जनपदों की पार्टी बन गयी आप भी अब सिर्फ यादवों की पार्टी बनकर यदावलैंड में सिमटने की राह पे चल पड़े हो 6 प्रतिशत आबादी लेकर जो आप मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहुंचे थे आज आपकी वोट का 80 प्रतिशत वोट देने वाले मुस्लिम आपके साथ कि वजह से भाजपा सरकार के ज़ुल्म के शिकार बने आज राजनैतिक रूप में हाशिये पर पहुंच गए आज भारत की दूसरी सबसे बड़ी आबादी विकल्प की तलाश में खामोश है वो आपको ही नही आपके साथ जो होगा उसको भी वोट नही देने वाली आप की जो कोशिश है यहां की ईंट वहां का रोड़ा भानुमति का कुनबा जोड़ा वाली कहावत को चरितार्थ करके केवल और केवल विपक्ष की भूमिका के ज़द्दोज़हद कर रहे है जनता समझ रही है जनता को नायक चाहिए जो खुलकर लडने की क्षमता रखता हो आपके अंदर वो भाव कभी दिखा नही अतीक अहमद की हत्या हो या आज़म साहब पर जुल्म कहीं न कहीं भाजपा के बराबर आप भी ज़िम्मेदार है सीतापुर,बहराइच,लखीमपुर,लखनऊ जहां यादवो की आबादी न के बराबर लेकिन पार्टी की बागडोर यादवों को ये आपके नारे जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागीदारी का उपहास के सिवा कुछ नही पिछडो में क्या यादव और कुर्मी ही आते है अन्य पिछड़ी जातियों का क्या मुस्लिमो का क्या,दलित में गैर जाटव को ही साधना जो पहले से भाजपा की सेवा में लीन है कितने जाटव गैर जाटव पार्टी की मुख्यधारा में है कितने मुस्लिम मुख्यधारा में है । पार्टी ऐसे नही चलती वो नेता जी स्व मुलायम सिंह का दम था सबको साथ में लेकर चलने का। आज़म साहब से जेल में चुनावी बेला में मिलने से आपके पाप धुलने वाले नही या कहीं आप भाजपा के संदेशवाहक बन कर तो नही गए थे ।आप न ही पी डी ए को साथ लेकर चल पा रहे न ही मुस्लिम को आधी आबादी तो आपसे कोसो दूर ऐसे में आपके पीडीए सिर्फ यादव एंड कंपनी बन कर गयी जिसके शेयर लगातार गिर रहे हैं चुनाव से पहले ही पीडीए के गुब्बारे की हवा निकल गयी ये देश आपको इतिहास में कभी माफ नही करेगा जब भाजपा की देश को बर्बाद करने वाली नीतियां हावी थी जब समाज को बांटने वाली ताक़तें इस देश में नफरत की खेती से दूसरी सबसे बड़ी आबादी को बर्बादी को ओर धकेल रही थी उस वक़्त आप केवल अपना विपक्षी तमगा हासिल करने की कोशिश कर रहे थे याद रखियेगा इतिहास आपको माफ नही करेगा मुस्लिमो का क्या सदियों से ज़ुल्म का शिकार है फिलिस्तीन,इराक,अफगानिस्तान, सीरिया,लीबिया सब हमारे सामने है मुसलमान लड़ लेगा अपनी लड़ाई लेकिन आपका बोझ अब नही ढोने वाला।
नहीं हैं इस जुर्म में जनाब
एक मैं ने ही उगाए नहीं ख़्वाबों के गुलाब
तू भी इस जुर्म में शामिल है मेंरा साथ छोड़ के।।
