किसान आंदोलन को दबाने को प्रयासरत है सरकार,
खबर दृष्टिकोण वसीम खान
बुलंदशहर खुर्जा भारतीय किसान यूनियन चढूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के आव्हान पर आज शुक्रवार को हरियाणा, पंजाब सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में टोल नाकों को जनता के लिए दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक जनपद में टोल फ्री करना था। लेकिन उससे पूर्व ही जनपद की पुलिस द्वारा भाकियू चढूनी के कार्यकर्ताओं को जगह जगह हाउस अरेस्ट कर लिया गया। योगेश शर्मा, धर्मवीर फौजी, उधल प्रधान, बबलू सिंह, सुदेश प्रधान,संजू मास्टर, जगपाल सिंह , जिलाध्यक्ष सूबे सिंह डागर को घर में नजर बंद कर दिया गया, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष राशिद ठाकुर , फरमान अब्बासी को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। रिजवान चौधरी जिला महामंत्री अपने काफिले के साथ गभाना टोल के लिए कूच कर रहें थे तभी पुलिस ने कैलाश हॉस्पिटल पर रोक लिया और नज़र बन्द कर दिया इससे किसानों ने भारी आक्रोश जताया है। रिज़वान चौधरी ने कहा है कि पुलिस किसान नेताओं के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है। उनके रास्तों में कील बिछाई जा रही हैं, उन पर रबर बुलेट से लेकर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। ऐसा व्यवहार किया जा रहा है जैसे वह कोई पराए लोग हैं। अन्नदाता जायज मांग कर रहा है, एमएसपी सहित अन्य मांगों को सरकार को अविलंब मान लेना चाहिए, लहीक खान, असगर पठान, लियाकत अली, अकरम भाटी, मोहम्मद इमरान, चाहत कुरैशी, इरफ़ान तोमर, रविन्द्र पाल सिंह, सतपाल नायक, वैध चौधरी, रिहान चौधरी, यामीन अब्बासी, खुर्सीद, जफर, नवाब प्रधान सलमान अल्वी, विक्की मदनपुर, राजेन्द्र चौधरी कार्यकारी जिलाध्यक्ष ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन चढूनी किसानों के हक के लिए किसान आन्दोलन में पूरी ताकत से से भाग लेगी।