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यूपी के फतेहपुर बीते दिन आबूनगर पुलिस चौकी के पीछे रिटायर्ड स्वास्थ्य कर्मी की गोलियों से छलनी कर हत्या के मामले में पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए आरोपित किया गिरफ़्तार 

यूपी के फतेहपुर बीते दिन आबूनगर पुलिस चौकी के पीछे रिटायर्ड स्वास्थ्य कर्मी की गोलियों से छलनी कर हत्या के मामले में पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए आरोपित किया गिरफ़्तार

 

हत्याकांड की साजिश रचने वाला और कोई नहीं बल्कि मृतक का पुत्र निकला

 

जब पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उगल डाल सच पुलिस ने पुत्र समेत हमलावर पर विधिक कार्रवाई में जुट गई है

 

 

खबर दृष्टिकोण संवाददाता दिवाकर मिश्रा फतेहपुरफतेहपुर में पिता पुत्र के रिश्तों को शर्मसार कर देने का मामला सामने आया है. जहां पहले पुत्र ने अपने चचेरे भाई पर अपने ही पिता की हत्या का आरोप लगाया था लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो सभी के होश उड़ गए. हत्या की साजिश रचने वाला और कोई नहीं बल्कि मृतक का पुत्र ही निकला. फिलहाल पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है.रिटायर्ड स्वास्थ्य कर्मी हत्याकांड मामला

 

फ़तेहपुर एक दिन पहले गोलियां की तड़तड़ाहट से दहल उठा था. आबूनगर पुलिस चौकी के पीछे सरेराह जिस तरह से रिटायर्ड स्वास्थ्य कर्मी हरिओम गुप्ता की अज्ञात हमलावरों ने गोलियों से ताबड़तोड़ हत्या कर थी उस मामले में पुलिस नें तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. बाद में सच्चाई सामने आने के बाद बेटे और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया.

 

क्या था पूरा मामला क्यूं की बेटे ने हत्या

 

गौरतलब है कि रिटायर्ड स्वास्थ्य कर्मी हरि ओम गुप्ता (64) साइकिल से दूध लेने जा रहे थे उसी वक्त बाइक सवार हमलावरों ने हरिओम पर ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए फरार हो गए. गोलियों की गूंज से पूरा क्षेत्र दहल उठा. मौके पर पहुंचे लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी और गम्भीर हालत में हरिओम को अस्पताल भिजवाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस मामले में पुलिस ने मृतक के बेटे और बेटी की तहरीर के आधार पर चचेरे भाई ज्ञानेंद्र को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था.

 

मृतक के बेटे ने रची हत्या की साजिश

 

फतेहपुर पुलिस ने जब ज्ञानेंद्र की कॉल डिटेल्स खंगाली गई तो उसकी लोकेशन उसके घर पर ही निकली. जिसवक्त यह मर्डर हुआ उस वक्त ज्ञानेंद्र अपने घर पर था. इसके बाद पुलिस का शक मृतक के बेटे दिलीप उर्फ दीपू पर गहराया और पुलिस ने दीपू को हिरासत में लिया और उसका मोबाइल चेक किया. कड़ाई से पूछताछ के कुछ देर बाद दीपू ने सब उगल दिया. उसने बताया कि उसने अपने पिता की हत्या की साजिश रचने के लिए दोस्त कल्लू पाल को हत्या की सुपारी दी थी और जब कल्लू पाल ने पिता की हत्या कर दी तो दीपू ने मौके का फायदा उठाकर पूरा आरोप चचेरे भाई पर मढ दिया.आरोपित को सर्विलांस की मदद से पकड़ा

 

पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए कल्लू को सर्विलांस की मदद से दबोच लिया. उसकी निशानदेही पर एक घर से पुलिस ने झोले में भरा तमंचा बरामद किया. बताया जा है कि वह घर कल्लू के परिचित का है. पुलिस ने परिचित युवक को भी हिरासत में लिया है.एएसपी विजय शंकर मिश्रा ने बताया कि घटना में प्रथम दृष्टयता नामजदगी गलत पाई गई है, जांच में पुत्र व अन्य का हाथ सामने आया है जांच पूरी होने के बाद आरोपियों पर विधिक कार्रवाई करते हुए जेल भेजा जाएगा.

 

अध्यापक हत्याकांड से जब दहला था आबूनगर

 

फतेहपुर का आबूनगर 14 वर्ष पूर्व दहल उठा था. अध्यापक शंकर लाल की हत्या कर दी गई थी. शंकर लाल और कोई नहीं हरिओम गुप्ता का बड़ा भाई था. कई सालों से दोनों परिवारों के बीच जमीनी चल रहा था. शंकर लाल गुप्ता की हत्या में हरिओम के बेटे दिलीप उर्फ दीपू को 14 साल की सजा हुई थी.

 

बताया जा रहा है अभी कुछ समय पहले ही दीपू जेल से रिहा होकर आया था. लेकिन दीपू अपने पिता हरिओम से नाराज रहता था क्योंकि उन्होंने उसके केस में पैरवी नहीं की थी. जानकारों की माने तो हरिओम अपने छोटे बेटे को ही अपनी जायदात का वारिस बनाना चाह रहे थे जिसकी वजह से दीपू ने अपने ही पिता की हत्या कर अपने चचेरे भाई ज्ञानेंद्र को फसाने का प्लान बनाया लेकिन हरिओम की हत्या के बाद वो खुद पुलिस के चंगुल में फस गया.

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