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दहशत के साए में रात भर घरो के बाहर लोगो की कटी रात,पसरा रहा सन्नाटा |

 

खबर दृष्टिकोण आलमबाग | आलमबाग के फ़तेहअली रेलवे कालोनी में शनिवार सुबह दर्द विदारक हादसे के बाद रेलवे कालोनी में रहने वालो के बीच दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है | शनिवार को सुबह से लेकर शाम तक घटना स्थल पर जिला प्रशासन,पुलिस प्रशासन एवं रेलवे अधिकारियो व विपक्षी दलों के नेताओं का आवागमन के बाद शाम ढलते ही रेलवे कालोनी में रह रहे परिवार दहशत के कारण अपने परिवारों संग घर के बाहर ही पूरी रात काटने को मजबूर रहे | घटना के अगले दिन पूरी तरह कालोनी में सन्नाटा पसरा रहा | कुछ स्थानीय निवासी दिन के समय में भी अपने घरो के बाहर कुर्सी डाले चर्चा करते दिखाई पड़े अधिकतर लोग अपने घरो में ताला डाल अपने रिश्तेदारों के घर चल गए | लोगो में यह भी चिंता का विषय बना हुआ है कि अब जल्द ही रेलवे द्वारा इस कालोनी को खाली करवा इसे ध्वस्त करा दिया जाएगा ऐसे में वो लोग अपने पुरे परिवार को लेकर कहाँ जायेंगे | इस क्रम में इस दर्द विदारक घटना के बाद रविवार पहुंचे हमारे प्रतिनिधि से हुई बातचीत के दौरान फ़तेहअली कालोनी में रहने वाली रेनू पत्नी बंटी ने बताया कि उनके परिवार में कुल पांच सदस्य 15 वर्षीय बेटी उपासना ,गोलू (12)शिवम (9) के साथ करीब नौ वर्षो से इस कालोनी में रह रही है और साफ सफाई का काम कर अपने परिवार का भरण पोषण करती है इस घटना के बाद अपने घर के पुरे सामान को थैलों में पैक कर रात भर बच्चो संग घर के बाहर रात गुजारी है दिन में भी घर के अन्दर जाने से डर लग रहा है अब तो किसी भी समय उनको यह मकान खाली करना पड़ सकता है |

मुलरूप से जनपद गोंडा निवासी उमाशंकर पेशे से रिक्शा चालक है और रेलवे कालोनी मे अपनी पत्नी किरण एवं तीन मासूम बच्चो सुमित रिंकी व कैलाश के साथ रहते है | पत्नी किरण के मुताबिक इस घटना को देख उनका दिल दहल गया है अब वह अपने परिवार संग इस जगह को छोड़ किसी अन्य स्थान पर चली जाएँगी पर यहाँ नहीं रहेंगी |

जीनत पत्नी सुरेन्द्र के मुताबिक उनके पति रेलवे में कार्यरत है उन्होंने अपना मकान दुसरे जगह एलाटमेंट करा लिया है आधा से ज्यादा सामान शिफ्ट करा दिया है अब वह इस स्थान पर नहीं रह सकती है |

रेलवे कालोनी में ही रहने वाले सलमान पुत्र स्व सफिक अहमद के मुताबिक उनके पिता रेलवे कर्मी थे दो माह पूर्व ही उनका स्वर्गवास हुआ है परिवार में माँ मुशर्रफ जहाँ और बहन सिमरन है | कालोनी में रहने वाले रमेश,सलमान एवं राजकुमार के मुताबिक रेलवे विभाग की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है रेलवे प्रशासन ने कालोनी में रहने वाले किसी के घर पर भी मकान खाली करने का कोई नोटिस नहीं दिया था | नोटिस केवल रेलवे के हायर सेकेंडरी स्कुल के बोर्ड पर चस्पा कर दिया ऐसे में किसी ने नोटिस पर ध्यान दिया और बहुत लोगो की नजर नहीं पड़ी ऐसे में अधिकतर लोग अनजान थे | शायद रेलवे प्रशासन पहले चेत गया होता और मकानों को खाली करवा देता तो इतनी बड़ी घटना न घटित होती |

 

हादसा स्थल पर दो आरक्षी ,तैनात नहीं पहुंचे रेलवे के कोई अधिकारी

फ़तेहअली आलमबाग रेलवे कालोनी में घटना के बाद घटना स्थल पर रेलवे सुरक्षा बल का एक आरक्षी एवं स्थानीय थाना आलमबाग का एक आरक्षी तैनात कर दिया गया | घटना के अगले दिन परिवार का भी कोई सदस्य उस मकान पर नहीं गया और न ही रेलवे के कोई अधिकारी पहुंचा | मृतक सतीस ने दो बकरियां एवं एक मुर्गी पाल रखी थी जिनकी देखभाल पडोसी कर रहे है और चारा पानी दे रहे है बकरियां भी अपने मालिक के हाथो खाना न पाकर अपना खाना नहीं ग्रहण कर रही है और दिन रात अपनी आवाज में अपने मालिक व मालकिन को बुला रहे है |

 

गोमती नगर में बहाई गई मृत परिवार की अस्थियाँ,परिवार में रहा मातम का माहौल |

आलमबाग फ़तेहअली रेलवे कालोनी में हुई इस हादसे से पुरा परिवार टूट गया है परिवार में बस एक ही चर्चा है कि कोई भी चिराग नहीं बचा है| मृतक परिवार का छोटा भाई अमित बरहा आलमबाग रामलीला मैदान मकान संख्या एल-1इ में अपने परिवार संग रहता है रविवार को घर पर सभी रिश्तेदार मृतक के चाचा कांशीराम कालोनी पारा निवासी राजन कुमार एवं सेक्टर एच आशियाना निवासी चाचा मनोज कुमार समेत कई रिश्तेदार घर बाहर बैठे रहे स्थानीय थाने की पुलिस का आवाजाही भी बना रहा | मृतक के भाई अमित ने गमगीन अवस्था में बताया कि वह सुबह परिवार के सभी सदस्यों की अस्थियो का विसर्जन गोमती नदी में किया है | अस्थियो को विसर्जन करते समय बहुत ही पीड़ा हो रही थी कि भाई के परिवार का कोई भी एक सदस्य जीवित रह जाता तो उनका चिराग बना रहता | इस घटना के बाद परिवार को हौसलाअफजाई करने कोई भी राजनैयिक या रेलवे का अधिकारी मृतक परिवार के भाई के घर पर नहीं पहुंचा | पूरा परिवार शोक में डूबा रहा|

 

बच्चो को भाई बहन के मौत की नहीं होने दी जानकारी

हादसे में शिकार मृतक परिवार के भाई अमित ने बताया कि इतना बड़ा हादसा हो गया जिसमे उसका बड़ा भाई समेत पूरा परिवार समाप्त हो गया उसने घटना के चौबीस घंटे बाद भी अपने बच्चो को उसके भाई बहनों के मृत हो जाने की जानकारी नहीं दी है ताकि बच्चो के मन पर कोई गलत प्रभाव या झटका न लगे |

 

रेलवे विभाग की घोर लापरवाही उजागर |

 

आलमबाग के रेलवे कालोनी फ़तेहअली में शनिवार को हुए इस हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है | सुर्खी और चुने से बनी रेलवे विभाग की छत बरसात के सीज गई थी और इस सीलन के कारण एक मकान का छत ढह गया और सोते हुए पूरा परिवार उसमे दबकर खत्म हो गया अपनी बचाव में कोई चिला भी नहीं सका | इस हादसे में रेलवे विभाग की घोर लापरवाही उजागर हुई है | जब रेलवे खुद इस कालोनी निष्प्रयोज्य करार दिया था और एक वर्ष पूर्व कुछ कालोनियों को ध्वस्त भी कराया था तो इस कालोनी को क्यों छोड़ दिया जिसमे अधिकृत एवं अनाधिकृत तरह से लोग रह रहे थे और रेलवे अधिकृत लोगो से किराया भी वसूल कर रही थी आखिर रेलवे इन आवासों को खाली करा क्यों नहीं ध्वस्त कराया | समय समय पर जिम्मेदारो ने इसका निरिक्षण भी नहीं किया कि लोग यहाँ कैसे रह रहे है |आखिर सवाल यह उठता है कि क्या रेलवे ऐसी ही किसी बड़ी घटना घटित होने का इन्तजार कर रही थी |

 

डीआरएम लखनऊ के न पहुँचने पर लोगो में रोष

 

आलमबाग रेलवे कालोनी फ़तेहअली में शनिवार सुबह इस हादसे की सुचना प्रसारित होने के बाद पूरा लखनऊ सिहर गया था मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री ने भी घटना को संज्ञान में लेते हुए तुरंत बचाव कार्य शुरू किये जाने का निर्देश जारी कर दिया था मौके पर पुलिस महकमे के उंच अधिकारी एवं जिला प्रशासन के आधिकारी,उप जिलाधिकारी समेत जिलाधिकारी ने मौके स्थल पर पहुँच मौका मुआयना किया लेकिन रेलवे विभाग के डीआरएम लखनऊ हादसा एवं हादसे के चौबीस घंटे बाद भी मौके पर घटना स्थल का निरिक्षण एवं जर्जर कालोनियों को देखने नहीं पहुंचे जिसे लेकर रेलवे कालोनी में रहने वाले स्थानीय लोगो में काफी आक्रोश व्याप्त है |

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