खबर दृष्टिकोण / कालपी जालौन
– 3 महीने का मछलियों का प्रजनन काल समाप्त होने के बाद से यमुना तथा बेतवा नदियों में मत्स्य आखेट करने का कारोबार की अनुमति ठेकेदारों को मिल गई है। जानकारी देते हुए कालपी तहसील के मत्स्य विभाग के प्रभारी अधिकारी मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि 1 जून से 30 अगस्त तक मछलियों के शिकार करने पर पाबंदी रहती है
क्योंकि यह 3 महीने का समय मछलियों के प्रजनन काल का समय माना जाता है। उन्होंने बताया कि प्रतिबंधित 3 महीने के अंदर अलगअलग स्थान में यमुना नदी में अवैधानिक तरीके से मछलियों का शिकार करने के मामले में तीन अलगअलग थानो में मुकदमे पंजीकृत कराए गए हैं।
कुठौंद, सिरसा कलार तथा कालपी के थान में एक-एक मुकदमा विभाग के द्वारा अवैध मत्स्य आखेट की सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराए गए हैं। उन्होंने अवगत कराया की यमुना नदी में 6 खंड है तथा बेतवा नदी में मछलियों के शिकार करने का एक खंड है। सभी वैधानिक ठेकेदारों को मछलियों का शिकार करने की अनुमति दी जा चुकी है। मत्स्य अधिकारी के अनुसार कालपी तहसील के अलग-अलग ग्रामों में छह तालाबों को मत्स्य पालन का पट्टा आवंटित करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया पूरे होने के बाद कई लोगों को रोजगार मिलने लगेगा तथा राजस्व की भी बढ़ोत्तरी होगी।