व्यख्यान श्रृंखला का आयोजन, कांट क्रिटिक ऑफ प्योर रीज़न’ विषय पर किया गया।
ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ।
विभागाध्यक्षा डॉक्टर रजनी श्रीवास्तव द्वारा मुख्य वक्ता प्रोo राकेश चंद्रा के स्वागत से किया। प्रोo चंद्रा ने अपने व्याख्यान का प्रारंभ कांट के पूर्व में प्रचलित दार्शनिक विमर्शों के साथ किया। इसके साथ- साथ उन्होंने अपने व्याख्यान के माध्यम से कांट की प्रमुख पुस्तकों की चर्चा करते हुए उनकी पुस्तक क्रिटिक ऑफ प्योर रीज़न की प्रमुख समस्याओं के ऊपर भी प्रकाश डाला जिसके ऊपर यह पुस्तक आधारित है। पुस्तक में उल्लखित प्रमुख विषय जैसे देश एवं काल, संश्लेषनात्मक एवं विश्लेषणात्म निर्णयों एवं करणता के ऊपर कांट के विचारों को व्यक्त किया। इस व्याख्यान का आयोजन ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यमों में किया गया जिसमें भारत के विभिन्न प्रदेशों के लोगों ने प्रतिभाग किया। व्याखान में दर्शनशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर राजेश्वर प्रसाद यादव, डॉक्टर राजेंद्र वर्मा, डॉक्टर प्रसांत शुक्ला, डॉक्टर ममता सिंह के साथ साथ विभाग के सभी शोध छात्र , तथा स्नातक तथा परस्नातक के छात्र उपस्थित रहे। व्याखान का समापन विभाग की विभागाध्यक्षा डाक्टर रजनी श्रीवास्तव के धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।