विश्व बैंक के सहयोग से गुणवत्तापूर्ण बीजों को तैयार करने की प्रणाली से सम्बंधित एक दिवसीय परामर्श कार्यशाला आयोजित
लखनऊ खबर दृष्टिकोण | विश्व बैंक के सहयोग से आयोजित एक दिवसीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को किया गया | मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व बैंक द्वारा यह कार्यशाला 2030 डब्ल्यूआरजी गुणवत्तापूर्ण बीजों को तैयार करने की प्रणाली से सम्बंधित सभी हितधारकों को शामिल करते हुये एक रूप-रेखा विकसित करने के लिये किया गया। कृषि मंत्री ने कहा कि अच्छी गुणवत्ता तथा अच्छे उत्पादन वाले गुणवत्ता बीज किसानों को उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। बीजों की गुणवत्ता को सुधारने के क्षेत्र में अभी बहुत सम्भावनायें हैं। इस क्षेत्र में कृषि अनुंसधानशालाओं, कृषि विज्ञान केन्द्रों, एफपीओ तथा कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे है। इसके लिए प्रत्येक स्तर पर अच्छे प्रशिक्षण की आवश्यकता है। हालही में प्रदेश सरकार ने बीज विपणन कम्पनियों की सिक्योरिटी राशि को 10 लाख रुपये से घटाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। साथ ही उन्हें प्रदेश भर में कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी गयी है। जिससे कम्पनियों के बीच प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी तथा किसानों को गुणवत्तापरक बीज उपलब्ध हो सकेंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि हम प्रदेश में एक सीड पार्क तैयार करेंगे, जिसमें हम बीज उत्पादक कम्पनियों को उत्तर प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों, मिट्टी तथा जलवायु के अनुसार मौसम-सहिष्णु तथा कम से समय में तैयार होने वाली फसलों के बीज तैयार करवायेंगे। राज्य सरकार लगातार इस क्षेत्र में कार्य कर रही है कि कम से कम समय में तैयार होने वाली फसलों को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है। प्रदेश के कृषि विज्ञान केन्द्र, कृषि विश्वविद्यालय तथा अन्य सम्बन्धित संस्थाओँ द्वारा निरन्तर अनुसंधान एवं विकास कार्य किये जा रहे हैं।प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने प्रदेश के किसानों को गुणवत्तापरक बीज मिले इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कृषि एवं उद्यान विभाग के सभी अधिकारीगण पूरी तरह से सक्रिय है। वर्तमान में प्रदेश के कृषि उत्पाद देश ही नहीं बल्कि दुनिया के बाजारों तक पहुंच रहे हैं। उद्यान मंत्री ने कहा कि बीज उत्पादन कम्पनियां प्रदेश सरकार के सहयोग से उद्यान विभाग के उद्यानों को पीपीपी मोड पर लेकर अच्छे बीज उत्पादन करें, जिससे किसानों की बीज उपलब्धता बढ़ेगी तथा उद्यान विभाग की निष्प्रयोज्य भूमि का उपयोग भी किया जा सकेगा।
इस अवसर पर डॉ. देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव, कृषि, उ0प्र0 शासन, डा0 पी0के0 सिंह, आयुक्त, कृषि, भारत सरकार, के वी राजू (वाणिज्य सलाहकार, उप्र सरकार), डा0 पंजाब सिंह (कुलाधिपति, सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी), अनुराग यादव, विशेष सचिव, कृषि, उप्र शासन, वॉटर रिर्साेसेज ग्रुप के प्रतिनिधि डा0. योगेश आर्या, एवं अजीत राधा कृष्णनन, विश्व बैंक तथा विभिन्न बीज कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।