सरोजनीनगर I सरोजनीनगर ब्लॉक के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना रविवार को इलाके के ही राजकीय उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल में शुरू हुई। कर्मचारियों के समय से ना पहुंच पाने के कारण सुबह 8 बजे शुरू होने वाली मतगणना का काम करीब 1 घंटा देरी से लगभग 9 बजे शुरू हो सका। मतगणना देर से शुरू होने के कारण प्रधान पद के परिणाम भी काफी देर से आने शुरू हुए। यहां सबसे पहले प्रधान पद के लिए अपराहन करीब 3 बजे दादूपुर ग्राम पंचायत का परिणाम आया। जिसमें 441 वोट पाकर गया प्रसाद मौर्या विजयी रहे। उन्होंने 14 वोटों से रामशरण को हराया। रामशरण को कुल 427 वोट ही प्राप्त हो सके। वहीं इसके काफी देर बाद दूसरा परिणाम आया। जिसमें बनी ग्राम पंचायत में प्रधान पद के लिए रमेश गुप्ता विजयी घोषित किए गए। इस दौरान अपराह्न करीब 1:30 बजे मंडलायुक्त रंजन कुमार ने मतगणना स्थल पहुंचकर वहां का जायजा लिया। मतगणना स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बैरिकेडिंग के साथ ही भारी पुलिस फोर्स की तैनाती रही। मतगणना स्थल में कर्मचारियों की लापरवाही से वोटों की गिनती का काम बेहद धीमी गति से चलता रहा। जिसकी वजह से शाम 7 बजे तक सिर्फ दो ही ग्राम पंचायत के परिणाम सामने आ सके। फिलहाल खबर लिखे जाने तक मतगणना का कार्य जारी था। उधर सरोजनीनगर प्रभारी एसडीएम सूर्यकांत त्रिपाठी ने सुबह देर से मतगणना का कार्य शुरू होने की बात से साफ इंकार किया है। उनका कहना है कि मतगणना का कार्य समय से ही शुरू किया गया था।
मतगणना स्थल पर कमरा नंबर दो में मतगणना कर्मचारियों और प्रत्याशियों के बीच लगाई गयी प्लास्टिक की ट्रांसपेरेंट पन्नी को लेकर प्रत्याशियों और मतगणना कर्मचारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हो गई। प्रत्याशियों का आरोप था कि बीच में जो ट्रांसपेरेंट पन्नी लगाई गई है, उससे प्रत्याशियों को मतपत्र साफ नहीं दिखाई पड़ रहे हैं। हालाकि बाद में अधिकारियों ने किसी तरह मामले को शांत किया I
मतगणना स्थल परिसर में प्रत्याशियों और उनके एजेंटों की इतनी भीड़ रही कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तार तार होते नजर आया। वह पूरे परिसर में एक दूसरे से सटे घूमते नजर आए। बताते चलें कि राजधानी में इस समय कोरोना संक्रमण अपने शबाब पर है, लेकिन इसके बावजूद मतगणना स्थल पर अधिकारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया।
यहां लोनहा ग्राम पंचायत से प्रधान पद की प्रत्याशी रामवती का बेटा अशोक एजेंट के रूप में मतगणना स्थल परिसर में जा रहा था। लेकिन कोविड रिपोर्ट ना होने के कारण उसे गेट पर ही रोक दिया गया। जिसको लेकर अशोक ने खुद का एजेंट पहचान पत्र दिखाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। बाद में उसकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई। जिसमें साधारण पाए जाने के बाद ही उसे मतगणना स्थल परिसर में जाने दिया गया।
