(मोहनलालगंज नगर पंचायत की करोड़ो की बेशकीमती बंजर व ग्राम समाज दर्ज जमीनो पर अवैध कब्जा के बाद पक्का निर्माण कर डाल लिये शेड)
(क्षेत्रीय लोगो ने ईओ पर लगाया नगर पंचायत की बेशकीमती जमीने कब्जा कराने का आरोप)
मोहनलालगंज।मोहनलालगंज कस्बे में स्थित नगर पंचायत की करोड़ो की बेशकीमती बजंर व ग्राम समाज दर्ज जमीनो पर धड़ल्ले से अवैध कब्जा कर कई लोगो द्वारा पक्का निर्माण कर टीन शेड की छत डाल ली।अवैध कब्जे की जानकारी होने के बाद लापरवाह बने प्रशासक व ईओ ने अवैध निर्माण ढहाने की बजाय कब्जेदारो पर मुकदमा दर्ज कराकर पल्ला झांड लिया।क्षेत्रीय लोगो ने ईओ पर नगर पंचायत की बेशकीमती जमीनो पर कब्जा कराने का आरोप लगाया हैं।ज्ञात हो मोहनलालगंज कस्बे में स्थित दुर्गा मंदिर के पास नगर पंचायत की सरकारी अभिलेखो में बंजर भूमि गाटा स०-759 रकबा-0.139 हेक्टेयर व गांटा स०-827 रकबा -1.138हेक्टेयर ग्राम समाज दर्ज है,उक्त जमीन की कीमत करीब पांच करोड़ रूपये के आस-पास है,ग्रामीणो ने बताया बीते एक माह से आधा दर्जन के करीब लोग अवैध रुप से बंजर व ग्राम समाज दर्ज सरकारी जमीनो पर कब्जा कर धड़ल्ले से पक्का निर्माण करा रहे है,जिसकी शिकायत एसडीएम/प्रशासक हनुमान प्रसाद से हुयी तो उन्होने 18मार्च को राजस्व टीम को मौके पर भेजा तो कब्जा होता मिला,जिसके बाद ईओ मनीष राय समेत नगर पंचायत कर्मचारियो की मौजूदगी में राजस्व टीम ने बंजर व ग्राम समाज दर्ज जमीनो की पैमाईश कर चूना डालकर चिन्हित कराने के बाद एसडीएम को रिपोट बनाकर सौपी,जिसके बाद एसडीएम/प्रशासक ने ईओ मनीष राय को उक्त सरकारी जमीनो से तत्काल पुलिस की मदद से अवैध कब्जा हटाकर अपने कब्जे में लेने के निर्देश दिये।जिसके बाद लापरवाह बने ईओ ने अवैध कब्जेदारो पर कोई कार्यवाही नही की तो मनबढ कब्जेदारो ने धड़ल्ले से पक्का निर्माण कर टीन शेड की छत डाल कर नगर पंचायत की बेशकीमती जमीन कब्जा कर ली ओर प्रशासन मुकदर्शक बन देखता रहा।एसडीएम/प्रशासक हनुमान प्रसाद मौर्य ने बताया अवैध कब्जेदारो पर एफआईआर दर्ज करायी गयी है,जल्द ही अवैध निर्माण ढहाया जायेगा।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर साधी चुप्पी…..
क्षेत्रीय लोगो का आरोप है नगर पंचायत के लिपिक की तहरीर पर मोहनलालगंज पुलिस ने सरकारी जमीन कब्जाने वाले चार नामजद लोगो के विरूद्व मुकदमा दर्ज कर अवैध कब्जेदारो पर कार्यवाही की बजाय चुप्पी साध ली,जिसके बाद मनबढ अवैध कब्जोदारो ने चोरी छुपे जमीनो पर पक्का निर्माण करते हुये टीन शेड की छत डालकर मौके पर ही रहने लगे।जब कि मुकदमा दर्ज होने के पहले केवल दीवाले बनी हुयी थी।