लखनऊ खबर दृष्टिकोण |भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी लखनऊ में “दिव्यांग लोगों के पुनर्वास प्रारंभिक पहचान और हस्तक्षेप”विषय पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने शिक्षा को सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों को निरक्षरता, अज्ञानता और अंधविश्वास से मुक्ति के साधन के रूप में देखा। कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का पूरा जीवन ही एक संदेश है। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में विकलांग को दिव्यांग नाम दिया उनके सुझाव के बाद से यह शब्द चलन में है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों के प्रति समाज में दो महत्वपूर्ण कार्य करने की जरूरत है एक तो वैज्ञानिक तरीका और दूसरा वैचारिक बदलाव हो। वैज्ञानिक तरीके में श्रवण यंत्र, चश्मा ,वैशाखी जैसे सहायक ,तकनीकी उपकरणों और सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से लाभान्वित किया जाता है। आजादी के अमृत काल में हम सभी को मिलकर विकलांग सोच को बदलना जरूरी है जो कि सक्षम और अक्षम के बीच खाई खोदने का काम करता है। कहा कि डबल इंजन सरकार दिव्यांगों के कल्याण के लिए तैयार किए जाने वाले ज्यादातर कार्यक्रमों योजनाओं में कृपा का भाव नहीं होता है, बल्कि समानता की अवधारणा होती है ।दिव्यांग जनों के शिक्षण एवं पुनर्वास हेतु प्राइमरी स्तर से के विशेष विद्यालयों से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक विशेषीकृत शिक्षा का प्रबंधन किया गया है।उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे दिव्यांग परिवार जो आवासविहीन, कच्चे ,जर्जर आवास में निवास कर रहे हैं उनको मुख्यमंत्री आवास योजना -ग्रामीण की पात्रता श्रेणी में सम्मिलित कराने का निर्णय ग्राम विकास विभाग द्वारा लिया गया है ।उत्तर प्रदेश के2023 -24 के बजट में दिव्यांग पेंशन योजना के अंतर्गत दिव्यांग भरण पोषण हेतु अनुदान हेतु पर्याप्त बजट की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आवास योजना सहित अन्य योजनाओं से गरीबों के जीवन में खुशहाली लाए जा रही है प्रदेश में पहली बार दिव्यांग जनों को आवास देने के लिए प्राथमिकता की श्रेणी में लाया गया है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के माध्यम से बहुत ही अच्छे कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब केवल स्मार्ट सिटी ही नहीं स्मार्ट विलेज भी बनेंगे। व जब गांव समृद्ध और सशक्त होंगे तभी राष्ट्र समृद्ध होगा। उन्होंने कहा यूनिवर्सिटी के छात्र -छात्राएं ,अगर ग्राम विकास विभाग में शोध करना चाहते हैं तो विभाग इसके लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि 2047 तब तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है और हम सबको मिलकर इस दिशा में आगे बढ़ना है। कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग 60लाख लोगों को पक्के मकान दिए गए हैं। आवास ही नहीं, आवास के साथ शौचालय और अन्य सुविधाएं दी गई हैं। हमारा उद्देश्य और लक्ष्य गरीबों के जीवन में खुशहाली लाना है। उन्होंने कहा बिना भेदभाव के हर घर नल योजना में 2024 तक प्रत्येक घर में नल से जल उपलब्ध कराना है।
सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास तथा सबको सम्मान और सबको स्थान व स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत के मंत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि हम इसी भावना से बिना किसी भेदभाव के कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप लोग अपने विश्वविद्यालय में माह मे कम से कम एक दिन साफ सफाई के लिए समर्पित करें ।हम सबको मिलकर भारत को दुनिया में नंबर 1 बनाना है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने यूनिवर्सिटी की एक पुस्तिका का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर परिवहन राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला और कहा कि उन्होंने जो मार्ग देश को दिखाया उस रास्ते पर सरकार चलकर गरीबों की सेवा कर रही है। कहा विश्वविद्यालय में पठन-पाठन का माहौल भी अच्छा है और आगे चलकर यहां के बच्चे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करेंगे ।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अंदर अगर अनुमति होगी तो जो इलेक्ट्रिक बसे शहर से चलती हैं यहां के अंदर से चक्कर लगाकर जाने की अनुमति प्रदान कर दी जाएगी। उन्होंने परिवहन विभाग द्वारा लोगों की सेवा के लिए दी जा रही सुविधाओं का भी प्रकाश डाला । कहा दिव्यांगों के लिए सहानुभूति नहीं ,संवेदनशीलता की आवश्यकता है, सेवाभाव की आवश्यकता है।सेमिनार को कुलपति प्रोफेसर संजय सिंह व प्रोफेसर शिल्पी वर्मा ने भी संबोधित किया। निदेशक दिव्यांगजन एवं सशक्तिकरण विभाग उत्तर प्रदेश सहित अन्य अधिकारी, प्रोफेसर, छात्र -छात्राएं मौजूद रहे।