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विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर एक दिवसीय कार्यशाला संगोष्ठी का आयोजन हुआ संपन्न  

 

 

40 मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड एवं 110 मत्स्य पालकों को मछुआ दुर्घटना बीमा प्रमाण पत्र किया  गया वितरित

 

 

लखनऊ खबर दृष्टिकोण |  उत्तर प्रदेश के मत्स्य विभाग द्वारा विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर सोमवार को तेलीबाग, लखनऊ स्थित राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला व विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के शुभारम्भ के साथ ही मत्स्य विकास मंत्री डा0 संजय कुमार निषाद द्वारा प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया, जिसमें मात्स्यिकी के क्षेत्र में कार्य करने वाली विभिन्न कम्पनियों द्वारा लगाई गई स्टाल यथा मत्स्य पूरक आहार, आरएएस, बायोफ्लाक, ऐरेटर, मत्स्य पालन में उपयोग होने वाली दवाईयां, जाल आदि का प्रदर्शन किया गया।इस अवसर पर मत्स्य मंत्री ने कहा कि मात्स्यिकी क्षेत्र के विकास से न सिर्फ राजस्व की बढ़ोत्तरी होगी बल्कि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि मत्स्य तकनीक के क्षेत्र में हो रहे अभिनय प्रयोगों को अपनाया जाए। अगले दो वर्षों में प्रदेश को मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाना लक्ष्य है। उन्होंने मत्स्य व्यवसाय से जुड़कर स्वरोजगार के अवसर प्राप्त करने एवं आर्थिक उन्नति हेतु लोगों से अपील की। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालक सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लें। डा0 संजय कुमार निषाद ने बताया कि मत्स्य पालन को अब तकनीकी रूप से किये जाने की आवश्यकता है अतः मत्स्य पालक एनबीएफजीआर, संस्थान के वैज्ञानिकों से समन्वय स्थापित कर तकनीकी रूप से मत्स्य पालन करें तथा मछलियों के आधार कार्ड जिसे फिश टैगिंग कहा जाता है कि भी जानकारी प्राप्त करें। अब तक प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना में अनुदान लेने हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु लगभग 75 हजार आवेदकों द्वारा आवेदन किया गया है। उन्होंने कहा कि मछुआ विकास के क्षेत्र में मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना तथा निषादराज बोट योजना मील का पत्थर साबित होगीं।  कार्यक्रम में मत्स्य व्यवसाय से जुुड़े 30 मत्स्य पालकों -उद्यमियों को मत्स्य विकास के क्षेत्र में सराहनीय योगदान हेतु प्रशस्ति पत्र एवं शॉल देकर सम्मानित किया गया। मंत्री जी द्वारा 40 मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड एवं 110 मत्स्य पालकों को मछुआ दुर्घटना बीमा प्रमाण-पत्र भी वितरित किया गया। प्रदर्शनी में लगी तीन सबसे अच्छी स्टाल एसआर विज्ञान को प्रथम पुरस्कार, आरएस पालिमर को द्वितीय पुरस्कार तथा मेहरोत्रा एक्वेरियम को तृतीय पुरस्कार दिया गया।

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