संवाददाता अवनीश पाण्डेय
मोहनलालगंज, लखनऊ।
श्री कालेवीर बाबा मन्दिर प्रांगण में हो रही श्री शिव महापुराण की पावन कथा के तीसरे दिन आज कथा व्यास शिवम दीक्षित ने नारद मोह, कुबेर चरित्र, शिव सती विवाह एवं दक्ष यज्ञ में सती के आत्मदाह की कथा का विस्तार से वर्णन किया।
आचार्य आदित्य द्विवेदी एवं राजेश बाजपेयी द्वारा मुख्य यजमान राज कुमार अवस्थी तथा सह यजमान कमलेश द्विवेदी एवं हरि गोविन्द मिश्र से विधिवत पूजन पाठ कराया गया। कथा व्यास शिवम दीक्षित ने नारद मोह कथा को श्रवण कराते हुये कहा कि कामदेव द्वारा महादेव की समाधि भंग करने पर कामदेव को महादेव द्वारा भस्म कर दिया गया था, जिसके बाद ही नारद द्वारा तप किया गया। तप भंग न होने तथा कामदेव के समर्पित होने पर नारद को अभिमान हो गया कि उन्होंने काम पर विजय प्राप्त कर ली। भगवान विष्णु की माया से विश्व मोहिनी स्वयंवर में नारद को आसक्त देखकर वानर रूप भगवान द्वारा प्रदान किया गया जिससे कुपित होकर उन्होंने भगवान विष्णु को श्राप दिया और विष्णु भगवान ने श्राप स्वीकार करते हुये भगवान राम के रूप में अवतार लिया।कथा व्यास ने शिव सती विवाह तथा दक्ष यज्ञ में सती के आत्मदाह की कथा को भी बड़े ही रोचक ढंग से भक्तों को सुनाया।
कथा व्यास शिवम दीक्षित तथा उनके सहयोगी संगीतकार सूरज द्विवेदी, दीपक अवस्थी एवं गोवर्धन तिवारी ने ” पकड़ लो हाथ भोलेनाथ नहीं तो डूब जायें गे तथा आज मेरे भोले का सारा जगत दीवाना है ” गाकर भक्तों को आनन्दित कर दिया। शिव महापुराण कथा के इस पावन अवसर पर पत्रकार अखिलेश द्विवेदी, अवनीश पाण्डेय, ललित दीक्षित राघवेन्द्र तिवारी,मन्दिर समिति के विजय द्विवेदी, गोपाल शुक्ला , राकेश द्विवेदी, बसन्त मिश्र एवं शिक्षक देवी शंकर त्रिवेदी, अजय शुक्ला तथा पुजारी सूर्य कुमार व गुड्डू दीक्षित सहित बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित थे।
