मुख्य विशेषताएं:
- सुकेत में एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में कार्रवाई।
- शिकायत के बावजूद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया।
- एसएचओ नारायण सिंह को लाइन में लगा दिया गया है।
- रामपाल शर्मा ने सुकेत पुलिस स्टेशन में नया थाना प्रभारी नियुक्त किया।
कोटा। राजस्थान राज्य में कोटा जिला ग्रामीण पुलिस का सुकेत पुलिस स्टेशन एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के लिए चर्चा में है। इस मामले में, गैंगरेप पीड़िता की शिकायत के बावजूद, एफआईआर दर्ज करने वाले दो पुलिस अधिकारी गिर गए हैं। लापरवाही का दोषी कोटा जिले के ग्रामीण पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने सुचेत थाने के एसएचओ नारायण सिंह को लाइन शिफ्ट कर दिया है। साथ ही, थाने के एएसआई बाबूलाल को निलंबित कर दिया गया है।
सुकेत गैंगरेप रामपाल शर्मा को मामले में 2 पुलिस अधिकारियों के प्रभारी के बाद सुकेत के नए प्रभारी के रूप में सौंपा गया है। साइबर सेल से स्थानांतरित रामपाल शर्मा को सुकेत पुलिस स्टेशन का प्रभारी नियुक्त किया गया है। गौरतलब है कि, सुकेत थाना क्षेत्र की एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की को एक बैग ले जाने के बहाने पड़ोस के झालावाड़ जिले में ले जाया गया और 9 दिनों तक अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग बदमाशों द्वारा उसे धमकाया और नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ बलात्कार किया गया।
मामला सामने आने के बाद कोटा जिला ग्रामीण पुलिस हरकत में आ गई। इसके बाद, कोटा जिला ग्रामीण के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पारस जैन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सुकेत में डेरा डालते हुए 16 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया। इसमें एक युवती भी शामिल है। मामले में चार नाबालिग किशोरियों को भी हिरासत में लिया गया है।
मामले में पीड़िता द्वारा सुकेत थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन थाना पुलिस ने शिकायत देने के बाद भी बदमाशों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई नहीं की। मामले के तूल पकड़ने के बाद कोटा जिला ग्रामीण पुलिस हरकत में आई और उसके बाद सुचेत थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया और एक के बाद एक आरोपियों को हिरासत में लेना शुरू किया।
इधर, भीम आर्मी के सदस्य मंगलवार को सुकेत बालिका सामूहिक बलात्कार की घटना के विरोध में रामगंजमंडी पहुंचे और रैली निकाली। अंबेडकर चौक से रैली की शुरुआत की। इसके बाद रैली उपखंड कार्यालय गई। वहां बिगड़ती कानून व्यवस्था का विरोध किया। पीड़ित को सरकारी नौकरी और 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद की मांग की गई। भीम आर्मी के प्रदर्शन के कारण पुलिस की सख्त व्यवस्था देखी गई।
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