रायबरेली – उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा मा0 अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/जनपद न्यायाधीश रायबरेली अब्दुल शाहिद के दिशा-निर्देशन में प्राथमिक विद्यालय रतापुर स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र में महिलाओं के विधिक अधिकार एवं पीसीपीएनडीटी एक्ट (गर्भ धारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक-विनियमन तथा दुरुपयोग अधिनियम) विषय पर जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सचिव द्वारा शिविर में उपस्थित महिलाओं को महिला दिवस की बधाई दी गयी। महिलाओं को संबोधित करते हुए बताया कि महिलाओं को उनके विधिक अधिकारों के प्रति जागरुक किया गया। उपस्थित महिलाओं को प्रोत्साहित किया गया कि वह अधिक से अधिक संख्या में नई-नई प्रतिभाये सीखने व उन प्रतिभाओं में पारगंत बनते हुए अपनी अजीविका का स्त्रोत बनाये। समाज में महिलाएं आज भी अशिक्षा के कारण बहुत पिछड़ी है इसलिए बेटियों को पढ़ाने की अत्यधिक जरुरत है। सचिव द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट (गर्भ धारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक-विनियमन तथा दुरुपयोग अधिनियम) व मुखबिर योजना के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी। उ0प्र0 सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी। सचिव द्वारा बताया गया कि किसी भी प्रकार की विधिक सहायता हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय से निःसंकोच सम्पर्क करें। जागरुकता शिविर में बाल विकास परियोजना की सुपरवाइजर, प्रधानाचार्य आंगनवाड़ी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली की पराविधिक स्वयं सेवक रत्ना बाजपेई, पम्मी, मनोज कुमार प्रजापति, रमेश कुमार श्रीवास्तव व सामाजिक कार्यकर्ता पवन कुमार श्रीवास्तव उपस्थित रहे।