राम का नाम ही कलयुग में मनुष्यों का एक मात्र आधार
मोहनलालगंज लखनऊ
निगोहां में चल रही श्रीमद भागवत कथा में प.दिनेश शक्ल ने प्रसंग में कहा कि अजामिल ब्राह्मण जो एक वैश्या के चक्कर में पड़कर चोर व लुटेरा बना वह पापियों में अग्रगण्य था लोगों को मारना उनका धन लूट लेना यही उसका पेशा था धर्म से दूर दूर तक उसका कोई लेना देना नहीं रह गया था संतों के कहने पर उसने अपने पुत्र का नाम नारायण रक्खा अंत काल में जब यमदूत उसे लेने आएं तो भयभीत अजामिल ने अपने पुत्र नारायण को पुकारा नारायण नारायण नाम सुनते ही भगवान के पार्षद दौड़े और यमदूतों को भगा दिया इस तरह महान पापी अजामिल भी राम नाम के प्रभाव से भगवान के धाम को चला गया भगवान का नाम परम पवित्र तथा पापियों का भी उद्धार करने वाला है आज भगवान कारागार में प्रकट हुए भगवान के आते ही जेल के दरवाजे अपने आप खुल गए और भगवान मथुरा से गोकुल पहुंच गए नंद बाबा के घर ही भगवान ने लीलाएं प्रारम्भ की, गोपियां भगवान के प्रेम में मग्न रहती थी भगवान के दर्शन को लालायित रहती थी और भगवान को खिलाने को आतुर रहती थी इस तरह भगवान ने अनेकों असुरों का वध किया तथा कंस का भी वध को सबको सुख प्रदान किया आगे भगवान ने ब्रह्मा व इन्द्र का अभिमान तोड़ा गोवर्धन पूजा शुरू कर भगवान ने प्रकृति का मान बढ़ाया और साक्षात प्रकट हो भक्तों का भोग ग्रहण किया आगे भगवान ने रुक्मणि जी से विवाह कर उनकी मनो कामना पूर्ण की, निगोहां के भक्तों ने भगवान के विवाह को उत्सव की तरह मनाया व जमकर झूमें उक्त प्रसंग निगोहां में चल रही श्रीमद् भागवत में आचार्य पंडित श्री दिनेश शुक्ला जी ने कही,कथा मां अन्नपूर्णा मन्दिर प्रांगण में सम्पन्न हुई , आचार्य जी के भजनों पर भक्त मस्ती में मस्त होकर कथा श्रवण कर आनन्दित हुए
