वाशिंगटन/ताइपे : अमेरिकी सीनेटर मार्शा ब्लैकबर्न गुरुवार को ताइवान पहुंचीं। इस महीने यह चौथी अमेरिकी राजनेता की ताइवान यात्रा है। अमेरिकी संसद अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचने के बाद अमेरिका और चीन के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया। गुरुवार को ब्लैकबर्न के साथ एक अमेरिकी सैन्य विमान ताइपे के सोंगशान हवाई अड्डे पर उतरा। वह अमेरिका के टेनेसी से रिपब्लिकन पार्टी की सांसद हैं। अमेरिकी सीनेटर ने अपने ट्वीट में कहा कि मैं बीजिंग को संदेश देने ताइवान आया हूं- हम झुकेंगे नहीं।
ब्लैकबर्न ने लिखा, ‘अमेरिका दुनिया भर में स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है और हमारे देश और हमारे सहयोगियों को कमजोर करने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेगा।’ उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति ताइवान की प्रतिबद्धता को पुरस्कृत करने और यह सुनिश्चित करने का समय है कि द्वीप के पास चीन का मुकाबला करने के लिए आवश्यक संसाधन हैं। अमेरिकी सीनेटर ताइवान के नेताओं से मुलाकात करेंगे।
ताइवान ने अमेरिका का जताया आभार
ताइवान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका का शुक्रिया अदा किया है. मंत्रालय ने कहा कि वह ताइवान को समर्थन और प्रतिबद्धता के लिए अमेरिका का आभारी है। इस सप्ताह की शुरुआत में इंडियाना के रिपब्लिकन गवर्नर एरिक होलकोम्ब ने भी ताइवान का दौरा किया था। 8 अगस्त को लंबे तनाव के बाद नैन्सी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया। वह कई दशकों में ताइवान की यात्रा करने वाली सर्वोच्च रैंकिंग वाली अमेरिकी अधिकारी थीं।
नैन्सी पेलोसी के दौरे से पैदा हुआ था तनाव
चीन ने नैंसी पेलोसी की यात्रा के विरोध में ताइवान को घेर कर एक बड़ा सैन्य अभ्यास किया था। इस अभ्यास से जापान भी निशाने पर था, जिसके बाद वह चीन की ओर मिसाइल तैनात करने पर विचार कर रहा है। चीन ताइवान पर अपना दावा करता है और जरूरत पड़ने पर उसे जबरदस्ती पीआरसी में मिलाने की बात कही है। चीन ने अमेरिकी अधिकारियों के ताइवान दौरे को ‘संप्रभुता का उल्लंघन’ बताया।
Source-Agency News
