रिपोर्ट मो०अहमद चुनई
पुरवा उन्नाव मामला जनपद की नगर पंचायत पुरवा से सम्बन्धित है जहां इससमय जानवरों में पनपा संक्रामक रोग लम्पी वायरस बड़ी तेजी से बढ़ रहा जहां लगभग डेढ़ सप्ताह से अबतक आधा सैकड़ा के करीब अन्ना सुवर उक्त बीमारी का सिकार हो चुके है आयदिन कहीं न कही आवारा सुवर मृत्यु पाय जारहे है जब लोगों से बदबू बरदास्त नही होती है तो दस बार नगर पंचायत में खबर देने के बाद ही नगर प्रसासन अपनी कुम्भकर्णी नींद से जागती है तब इन मरे हुए जानवरों को उठाकर लेजाती है जिससे नगर पंचायत की आम जन्ता में दहसत का माहौल है परन्तु ऐसे भयानक संक्रामक रोग को देखते हुए नगर प्रसासन ने अबतक कोई ठोस कदम नही उठाया न सेनी टाइजर न संक्रामक रोगों से बचाव हेतु किसी प्रकार की कीटनासक दवा ब्लीच आदि का छिड़काव नही कराया गया नगर पंचायत के अनेकों वार्डो में गन्दगी का अम्बार है जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है जाहिर है की रोजआना बड़ी संख्या में सुवरों का मरना उनको डसने वाले मच्छर इन्सानों को भी डसेगें एसे मे स्वाईगंफ्लू अथवा अन्य संक्रामक रोग आम इन्सानों में फैलने का खतरा बढ़ता नजर आरहा है इस भयावाह स्थिति को देखते हुए जब नगर पंचायत के रिटार्यड कर्मचारी से बात की गयी तो उन्होंने तपाक से जबाब दिया कि सारे कार्य कागज पर होरहें आम लोगों को दिखाई नही देता तो क्या किया जाय हां एक बात जरुर है नगर पंचायत अध्यक्ष रेनू गुप्ता व अधिशाषी अधिकारी के० एन० पाठक दोनों ही लोगों का क्या कहना मीठी बाड़ी तन के स्वच्छ पर मनके कठोर वैसे नगर पंचायत अध्यक्षा कार्य तो करना चाहती पर उनकी उनके प्रतिनिध पति के आगे चल नही पाती है इस बात को नगर पंचायत की भोली भाली जन्ता ठीक से जान चुकी है इस बात का पूरा फायदा अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत पुरवा उठाने का कोई भी मौका नही गवाते है वैसे यह जनाब ऐसे अधिशाषी अधिकारी है कि खुद तो नगर पंचायत में आवास होने केबाद भीआप यूपी० पी० की राजधानी नवाबों के शहर लखनऊ में निवास करतें है रोजआना आते भी नही है जब कभी मन करता है तो चले आते है पर कोई टाईम लेबल नही जब की सूबे के मुखिया का फरमान है की सरकारी अधिकारी कर्मचारी जो जहां पोस्ट हो वह वही निवास भी करेगा और समय से रोजआना अपने आफिस दफतर पहुचेंगा पर पुरवा नगर पंचायत में तो मुख्य मन्त्री के आदेशों को भी ढेगा दिखाया जारहा है यदि गोपनीय जांच कराली जाय तो दूध का दूध पानी का पानी साफ हो जाय परन्तु जांच करेगा कौन वह भी तो एक अधिकारी ही तो है फिर आराम किसे नही पसन्द फिरतो जानते ही हो की कागज पर कुछ और और धरातल पर कुछ भी नही क्या इनकी गोपनीय जांच होगी या यूही भृष्टाचार पनपता रहे गा।