बरेली : विपक्षी को फसाने के लिए भाई संग अपहरण की गढ़ी गई कहानी का 24 घंटे के अंदर सिरौली पुलिस ने राजफाश कर दिया। कहानी गढ़ने वाले उल्टा ही मुकदमे में फस गए और सलाखों के पीछे पहुंच गए। तीनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया। आरोपितों में जयप्रकाश व लेखराज निवासी हरदासपुर व लेखराज निवासी पुन्नापुर का नाम शामिल है।पूछताछ में लेखराज ने बताया गया कि मेरे परिवार के ही जय हिन्द, विनोद पुत्र काशीराम व अरविन्द पुत्र टीकाराम व वीरेन्द्र पुत्र बाबूराम से जमीन के बटवारे का मुकदमा तहसील में चल रहा है। इसी बात को लेकर 15 जुलाई को दोनो तरफ से झगड़ा हो गया था। मामले में दोनो पक्षो के विरुद्ध एनसीआर लिखी गयी। एनसीआर मेरे भाई जय प्रकाश, खुबकरन, मेरे पिता नरेश पाल व मेरे वुरु5 लिखायी गयी थी। तभी से मैने मेरे भाई जयप्रकाश व मेरे ममेरे भाई लेखराज पुत्र गयाप्रसाद निवासी पुरनापुर थाना आवला बरेली ने मिलकर यह प्लान बनाया था कि इन लोगों को किसी बड़े केस में फसाएंगे। तब यह लोग हम से मजबूर होकर फैसला कर लेगे।18 जुलाई को बीए द्वितीय वर्ष राजनीति शास्त्र का पेपर गुलड़िया गौरी शंकर डिग्री कालेज में था। मैं अकेला मोटर साईकिल से निकला। पहले जवाहर लाल लोधी डिग्री कालेज एडमिट कार्ड लेने गया। फीस जमा न होने के कारण एडमिट कार्ड नही मिला। उसके बाद मैने मोटर साईकिल हरदासपुर से थोड़ा आगे शनि देव मन्दिर के पास सड़क के किनारे खड़ी कर दी। मेरे पास एक नोट बुक थी। जिस पर मैने एक पत्र लिखा कि आकाश, जयहिन्द, विनोद व चार लोग ओर मेरा पीछा कर रहे थे। मैने अपने बाए हाथ में ब्लेट से खरोचे मारकर उससे जो खून निकाल वह अपनी शर्ट उतार कर शर्ट को फाड़ कर जगह-जगह खून के धब्बे लगाकर मोटर साईकिल पर रख दी। नोट बुक, मॉडल पेपर व पत्र भी मोटर साईकिल पर ही रख दिया था। उसके बाद मैने अपने मोबाईल फोन से अपने ममेरे भाई को बताया था कि तुम मेरे घर वालों को व पुलिस वालों को फोन करके बता दो कि मेरा अरविन्द, वीरेन्द्र व जयहिन्द अपहरण करके बुलेरों गाड़ी में डालकर अपहरण कर के ले गये है। थाने जाकर इन लोगों के विरुद्ध एफआइआर कराओं। उसके बाद आरोपित आवला पहुंचा। आवला से चन्दौसी होता हुआ मुरादाबाद व मुरादाबाद से रात में ट्रेन में बैठकर हरिद्वार पहुंच गया। हरिद्वार फैक्ट्री एरिया में आरोपित ने की पुलिस को कल कॉल करके सूचना दी कि मेरा अपहरण करके मुझे यहा डाल गये है। तब हरिद्वार की 100 नं0 की पुलिस मुझे ले करके चौकी इन्डस्ट्रियल एरिया थाना रानीपुर हरिद्वार लेकर गये थे। फिर मैने अपने घर पर भी फोन किया था। आरोपित ने स्वीकार किया कि विपक्षी को फसाने के लिए मेने षडयंत्र अपने भाईयो के साथ मिलकर रचा था। मेरा किसी ने अपहरण नही किया था और न ही मेरे साथ कोई मारपीट की गयी।
